फरीदाबादः सूत्रों की मानें तो भड़ाना के नाम की सिफारिश खुद प्रियंका गांधी वाड्रा ने की है, जिसके बाद विधायक ललित नागर का टिकट कट गया और उनकी जगह भड़ाना चुनावी मैदान में आ गए. राजनीतिक गलियारों में ये भी चर्चा है कि बीजेपी विधायक पद छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए अवतार भड़ाना ज्योतिरादित्य सिंधिया के माध्यम से कांग्रेस में आए थे, लेकिन पार्टी ने ललित नागर को टिकट दे दिया था. ऐसे में पार्टी पर टिकट बदलने का दबाव था. साथ ही विधायक करण दलाल भी विरोध कर रहे थे.
कौन हैं अवतार सिंह भड़ाना
कई पार्टियों के साथ राजनीति कर चुके अवतार सिंह भड़ाना हरियाणा के साथ ही उत्तर प्रदेश तक की राजनीति में हाथ आजमा चुके हैं. उनके सियासी सफर पर अगर नज़र डालें तो वो ललित नागर के सामने पुराने खिलाड़ी नज़र आते हैं.
- 1988 में बिना विधायक तत्कालीन हरियाणा के मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल ने अवतार भड़ाना को 6 माह के लिए शहरी स्थानीय निकाय राज्य मंत्री बनाया
- 1989 में दौसा से जनता दल की टिकट पर कांग्रेस नेता राजेश पायलट के सामने चुनाव हारे
- 1991 में फरीदाबाद से कांग्रेस की टिकट पर पहली बार सांसद बने
- 1996 में फरीदाबाद से भाजपा के रामचंद्र बैंदा से चुनाव हारे
- 1998 में फरीदाबाद से कांग्रेस की टिकट न मिलने पर समाजवादी जनता पार्टी की टिकट पर भाजपा के रामचंद्र बैंदा से चुनाव हारे
- 1999 में मेरठ लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट पर दूसरी बार सांसद बने
- 2004 में फरीदाबाद से कांग्रेस की टिकट पर तीसरी बार सांसद बने
- 2009 में फरीदाबाद से कांग्रेस की टिकट पर चौथी बार सांसद बने
- 2014 में फरीदाबाद में कांग्रेस की टिकट पर भाजपा के कृष्णपाल गुर्जर से 4.67 लाख मतों से चुनाव हारे
- 2015 में कांग्रेस छोड़कर हरियाणा की इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी में शामिल हो गए
- 2016 में अवतार इनेलो छोड़ भाजपा में शामिल हुए और भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य बने
- 2017 में अवतार भड़ाना उत्तर प्रदेश के मीरापुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर विधायक बने.
क्यों हो रहा था ललित नागर का विरोध!