चंडीगढ़:कोरोना महामारी फैलने के बाद एक दम से अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर का इस्तेमाल बढ़ गया है. जैसे ही सैनिटाइजर की मांग बढ़ी, बाजारों में नकली सैनिटाइजर आने भी शुरू हो गए. सैनिटाइजर किन मापदंड पर आधारित होना चाहिए? कौन सा सैनिटाजर इस्तेमाल में लाना चाहिए? किस तरह से और कब सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए, ये ईटीवी भारत की टीम ने सेक्टर 32 सरकारी अस्पताल के डॉक्टर्स से जाना.
सबसे पहले ईटीवी भारत की टीम कैमिस्ट शॉप पर गई, ये जानने के लिए की आखिर इस वक्त बाजार में कौन-कौन से सैनिटाइजर बेचे जा रहे हैं. कैमिस्ट विनीत पूरी ने बताया कि वो अपनी दवाइयां और सैनिटाइजर पक्के बिलों पर खरीदते हैं, ताकि नकली माल मिलने की कोई गुंजाइश ही न बचे. उन्होंने बताया कि कुछ दिनों पहले तक बाजार में ज्यादा एमआरपी वाले सैनिटाइजर आ रहे थे, जो की ग्रहकों को महंगे पढ़ रहे थे, लेकिन अब बाजार में पूरे माप दंड वाले सस्ते सैनिटाइजर आ गए हैं.
वहीं जब इस बारे में डॉक्टर आरुष सिंगला और डॉक्टर वंशी से बात की गई तो उन्होंने कई तरह की जानकारियां दी.
कौन सा सैनिटाइजर सबसे बेस्ट है?
डॉ. आरुष सिंगला ने बताया कि आइसो प्रोपाइल अल्कोहल वाला सैनिटाइजर ही इस्तेमाल में लाना चाहिए. आइसो प्रोपाइल अल्कोहल वाले सैनिटाइजर ही सबसे बेस्ट होते हैं.