चंडीगढ़: आचार संहिता या आदर्श आचार संहिता का मतलब चुनाव आयोग के उन निर्देशों से है, जिनका पालन चुनाव खत्म होने तक हर पार्टी और उसके उम्मीदवार को करना होता है. अगर कोई उम्मीदवार इन नियमों का पालन नहीं करता तो चुनाव आयोग उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है, उसे चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है, उम्मीदवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है और दोषी पाए जाने पर उसे जेल भी जाना पड़ सकता है.
चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही चुनाव आचार संहिता भी लागू हो जाती है. चुनाव आचार संहिता के लागू होते ही प्रदेश सरकार और प्रशासन पर कई अंकुश लग जाते हैं. सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं. वो आयोग के मातहत रहकर उसके दिशा-निर्देश पर काम करते हैं.
आचार संहिता के लागू होने के बाद मुख्यमंत्री या मंत्री ना तो कोई घोषणा कर सकेंगे, ना शिलान्यास, ना लोकार्पण, ना भूमिपूजन कर सकेंगे. सरकारी खर्च से ऐसा आयोजन नहीं होगा, जिससे किसी भी दल विशेष को लाभ पहुंचता हो. राजनीतिक दलों के आचरण और क्रियाकलापों पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक नियुक्त करता है. आचार संहिता के लागू होने पर क्या हो सकता है और क्या नहीं, इसके विभिन्न पहलुओं की सामान्य जानकारी संक्षिप्त में उपलब्ध कराई जाती है.
सामान्य नियम
- कोई भी दल ऐसा काम ना करे, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद बढ़े या घृणा फैले.
- धार्मिक स्थानों का उपयोग चुनाव प्रचार के मंच के रूप में नहीं किया जाना चाहिए.
- मत पाने के लिए भ्रष्ट आचरण का उपयोग ना करें. जैसे-रिश्वत देना, मतदाताओं को परेशान करना आदि.
- किसी की अनुमति के बिना उसकी दीवार, अहाते या भूमि का उपयोग ना करें.
- किसी दल की सभा या जुलूस में बाधा ना डालें.
- राजनीतिक दल ऐसी कोई भी अपील जारी नहीं करेंगे, जिससे किसी की धार्मिक या जातीय भावनाएं आहत होती हों.
- राजनीतिक सभाओं से जुड़े नियम
- सभा के स्थान और समय की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को दी जाए.
- दल या अभ्यर्थी पहले ही सुनिश्चित कर लें कि जो स्थान उन्होंने चुना है, वहां निषेधाज्ञा तो लागू नहीं है.
- सभा स्थल में लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति पहले प्राप्त करें.
- सभा के आयोजक विघ्न डालने वालों से निपटने के लिए पुलिस की सहायता करें.
जुलूस संबंधी नियम
- जुलूस का समय, शुरू होने का स्थान, मार्ग और समाप्ति का समय तय कर सूचना पुलिस को दें.
- जुलूस का इंतजाम ऐसा हो, जिससे यातायात प्रभावित ना हो.
- राजनीतिक दलों का एक ही दिन, एक ही रास्ते से जुलूस निकालने का प्रस्ताव हो तो समय को लेकर पहले बात कर लें.
- जुलूस सड़क के दाई ओर से निकाला जाए.
- जुलूस में ऐसी चीजों का प्रयोग ना करें, जिनका दुरुपयोग उत्तेजना के क्षणों में हो सके.