दिल्ली/चंडीगढ़ :काफी अरसे से रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया सुर्खियों में है. अब WFI की नई बॉडी को खेल मंत्रालय ने सस्पेंड कर दिया है. आपको यहां बता दें कि 21 दिसंबर को रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के चुनाव हुए थे और यौन शोषण के विवादों में घिरे बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह चुनाव जीत गए थे.
दबदबा तो है, दबदबा तो रहेगा : भारतीय कुश्ती संघ के ताज़ा चुनावों में बृजभूषण शरण सिंह के करीबी कहे जाने वाले संजय सिंह की जीत के बाद बृजभूषण सिंह फूलमाला पहने हुए और जश्न मनाते हुए नज़र आते हैं. इस बीच उनके बेटे प्रतीक भूषण सिंह एक पोस्टर लिए अपनी तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर करते हैं जिसमें भी लिखा हुआ है कि दबदबा तो है, दबदबा तो रहेगा.
साक्षी मलिक का संन्यास का ऐलान :इसके बाद 21 दिसंबर की शाम ही रेसलर्स प्रेस कांफ्रेंस करते हैं और ओलिंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक रोते-बिलखते हुए कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान कर देती हैं. इसके बाद बजरंग पूनिया भी प्रधानमंत्री को चिठ्ठी लिखने के बाद पीएम आवास जाकर अपना पद्मश्री लौटा देते हैं. वहीं इसके बाद गूंगा पहलवान ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (X) पर अपना पद्मश्री लौटाने का ऐलान कर दिया.
गोंडा में टूर्नामेंट कराने से उठे सवाल :संजय सिंह के नए अध्यक्ष बन जाने के बाद रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने 28 दिसंबर से यूपी के गोंडा में जूनियर नेशनल चैंपियनशिप टूर्नामेंट करने की घोषणा कर दी. आपको जानकारी के लिए बता दें कि गोंडा बीजेपी सांसद बृजभूषण का ही संसदीय क्षेत्र है. WFI के इस फैसले को लेकर साक्षी मलिक ने सवाल उठाए दिए और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (X) पर लिखा कि जूनियर महिला पहलवान गोंडा में कॉम्पिटिशन को लेकर काफी ज्यादा डरी हुई हैं. उन्होंने साथ ही दावा किया कि जूनियर महिला पहलवान उन्हें फोन करके बता रही हैं कि वे किस माहौल में कुश्ती लड़ने वहां जाएंगी. क्या इस देश में गोंडा के नंदनी नगर के अलावा कहीं पर भी इसे करवाने की कोई जगह नहीं थी. वे समझ नहीं पा रही है कि क्या करें ?