चरखी दादरी/ कैथल : रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के चुनाव के बाद पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया, वहीं पहलवान बजरंग पूनिया ने भी अपना पद्मश्री लौटा दिया. इस बीच WFI की नई बॉडी को खेल मंत्रालय ने सस्पेंड कर दिया. वहीं हरियाणा की खाप पंचायतें भी पहलवानों के सपोर्ट में लगातार सामने आ रही है.
फोगाट खाप का फैसला :चरखी दादरी में फोगाट खाप ने मीटिंग कर पहलवानों को न्याय दिलाने के बारे में मंथन किया. प्रधान बलवंत नंबरदार की अध्यक्षता में खाप की कार्यकारिणी मीटिंग हुई. खेल फेडरेशनों के अध्यक्ष सिर्फ खिलाड़ी ही बने, ऐसी उनकी मांग है. साथ ही उन्होंने डब्ल्यूएफआई के निलंबन पर पहलवानों को न्याय मिलने की उम्मीद जताई. साथ ही ये बात भी स्पष्ट कर दी है कि अगर पहलवानों के साथ ज्यादती की जाती है तो खाप उनके पक्ष में अग्रणी भूमिका निभाएगी. इसके अलावा उन्होंने महिला खिलाड़ियों के कोच के तौर पर महिला को ही नियुक्त करने की मांग उठाई. साथ ही खाप ने कहा कि अगर खिलाड़ियों को सम्मान देने के बजाय उनके साथ अन्याय होता है तो खाप बड़ा फैसला ले सकती है.
महिला पहलवानों को मिले पूरा सम्मान :WFI की नई बॉडी के सस्पेंशन पर गूंगा पहलवान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (X) पर पोस्ट किया है. उन्होंने लिखा है कि वे भारत सरकार के फ़ैसले का सम्मान करते हैं लेकिन वे पद्मश्री को सीने से तभी लगाएंगे, जब हमारे देश की गौरव साक्षी मलिक और देश की महिला कुश्ती पहलवानों को पूरा सम्मान दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि वे अपनी बहनों के साथ हमेशा खड़े हैं. आपको बता दें कि गूंगा पहलवान ने साक्षी मलिक के समर्थन में शनिवार को पद्मश्री लौटाने की बात कही थी.