चंडीगढ़: पिछले डेढ़ साल से कोरोना के खिलाफ जंग जारी है और इस जंग में कोरोना वॉरियर्स लगातार हमें इस महामारी से से बचाने की कोशिश कर रहे हैं और इस दौरान कई डॉक्टर्स भी अपनी जान गवां चुके हैं. लेकिन बावजूद इसके कोरोना योद्धाओं के हौसलों में कोई कमी नहीं आई है.
ईटीवी भारत ने चंडीगढ़ पीजीआई के कोविड अस्पताल के इंचार्ज डॉ. जीडी पुरी से खास बातचीत की. इस दौरान डॉ. जीडी पुरी ने कहा कि साल 2021 की शुरुआत में हम सभी को लगा था कि हम जल्द ही कोरोना को हरा देंगे. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के बाद हमें समझ में आ गया कि लड़ाई अभी लंबी चलेगी.
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उन्होंने कहा कि इस बात से हम हताश नहीं हुए बल्कि फिर से पूरे जोश के साथ मरीजों की जान बचाने में लग गए, क्योंकि हम डॉक्टर हैं और एक डॉक्टर का यही फर्ज होता है कि जब तक वो बीमारी को जड़ से खत्म न कर दे तब तक हार ना माने. उन्होंने कहा कि कोविड अस्पताल को तैयार करना भी आसान काम नहीं था, क्योंकि ये आम अस्पतालों से अलग तौर पर तैयार करना था और उसे बहुत कम समय में बनाना था.
डॉ. जीडी पुरी ने बताया कि कोविड अस्पताल को लेकर इस तरह से प्लानिंग करनी पड़ी कि डॉक्टर मरीजों का इलाज भी कर सके और उन्हें संक्रमित होने से भी बचाया जा सके. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश यही थी कि संक्रमण दोबारा ना फैले. लेकिन देश में शादियां और पार्टियां होने लगी, रैलियां और प्रदर्शन भी शुरू हो गए, जिससे दूसरी लहर आ गई.