चंडीगढ़:आज लॉकडाउन का पांचवा दिन है. कोरोना के बढ़ते प्रकोप को रोकने लिए पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन जारी है तो वहीं चंडीगढ़ में कर्फ्यू लगाया गया है. कर्फ्यू के बीच चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से ग्रॉसरी स्टोर्स को खोलने का फैसला लिया था. जिसके बाद प्रशासन के इस फैसले पर कई तरह के सवाल उठने लगे थे. इस पर प्रशासन की सफाई सामने आई है.
ग्रॉसरी स्टोर खोलने के मामले में सफाई
इस विषय पर बात करते हुए चंडीगढ़ के प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर ने कहा कि चंडीगढ़ में कोरोना वायरस के चलते कर्फ्यू किया गया है, लेकिन ऐसे में लोगों को जरूरी वस्तुओं और सुविधाओं से वंचित नहीं रखा जा सकता. लोगों को रोजमर्रा की वस्तुएं मुहैया करवाना हमारी जिम्मेदारी है. इसी वजह से चंडीगढ़ प्रशासन ने चंडीगढ़ में ग्रॉसरी स्टोर खोलने का फैसला लिया है.
इसलिए लिया गया फैसला
उन्होंने बताया कि इसके लिए गहनता से विचार विमर्श किया गया है, जिसके बाद ये फैसला लिया गया. इस विचार विमर्श में चंडीगढ़ प्रशासन, चंडीगढ़ नगर निगम स्वास्थ्य विभाग और चंडीगढ़ पीजीआई के भी अधिकारी मौजूद थे. सभी अफसरों ने अपने सुझाव रखे. जिसके बाद यह फैसला लिया गया. उन्होंने कहा कि पिछले कई दिनों से चंडीगढ़ में सभी दुकानें बंद है, जिस वजह से लोगों के घर का सामान खत्म हो गया था और उन्हें काफी मुश्किलें पेश आ रही थी. इसलिए ग्रॉसरी स्टोर्स को खोला जाना बेहद जरूरी था.
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राज्यपाल ने बताया कि हमारे पास यह सुझाव भी आया की ग्रॉसरी स्टोर्स को दिन में 2 घंटे के लिए खोला जाए, लेकिन अगर हम ऐसा करते तो लोगों की भीड़ ग्रॉसरी स्टोर्स के बाहर जमा हो जाती. जो लोगों के लिए खतरनाक हो सकती थी. क्योंकि घर से बाहर लोगों में सोशल डिस्टेंसिंग को बरकरार रखना भी जरूरी था. इसलिए हमने ये फैसला लिया कि ग्रॉसरी स्टोर सुबह 10:00 से शाम 6:00 बजे तक खोला जाएगा, ताकि लोग आराम से खरीदारी कर सके और भीड़ ना लगे साथ ही लोगों में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल भी रखा गया है.
इस मौके पर पीजीआई के निदेशक प्रोफेसर जगत राम ने कहा कि चंडीगढ़ पीजीआई में कोरोना वायरस से निपटने के लिए सभी जरूरी इंतजाम हैं. यहां पर पर्याप्त मात्रा में वेंटिलेटर और बेड की व्यवस्था की गई है. पीजीआई किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
आपको बता दें कि देश में कोरोना वायरस महामारी का रूप लेते जा रहे कोरोना वायरस की चपेट में आने वालों की तादाद करीब 1000 से अधिक हो गई है. सरकार ने 14 अप्रैल तक लॉकडाउन की घोषणा की हुई है. इससे आम लोगों, किसानों और मजदूरों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है.