चंडीगढ़: जीएमएसएच-16 स्थित केमिस्ट शॉप के मामले में चंडीगढ़ के एडवाजरी ने विजिलेंस को अपराधिक मामला दर्ज करने की मंजूरी दे दी है. जिसके बाद 30 साल से अवैध रूप से विशिष्ट अवधि के लिए आवंटित चल रही दुकान संचालक पर विजिलेंस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. प्रशासक-सह-मुख्य सतर्कता अधिकारी के सलाहकार डॉक्टर धर्मपाल ने जीएमएसएच-16 स्थित केमिस्ट शॉप के मामले में विजेलेंस को एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी दे दी है.
जिसेक बाद विजेलेंस ने दुकानदार पर एफआईआर दर्ज कर ली है. जांच के दौरान निजी व्यक्तियों, चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों और जीएमएसएच-16 के अधिकारियों की भूमिका की जांच की जाएगी. इसके साथ ही विजेलेंस इस मामले में शामिल सभी लोग, चाहे उनकी स्थिति कुछ भी हो, कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि केमिस्ट शॉप नंबर 6, गवर्नमेंट मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल सेक्टर-16 की 28 मार्च 1992 को निलामी हुई थी.
जिसके माध्यम से मासिक किराए के आधार पर केवल दो साल की विशिष्ट अवधि के लिए आवंटित किया गया था और लीज डीड 03 फरवरी 1993 को पंजीकृत किया गया था. हालांकि वहां नीलामी दस्तावेजों में या आवंटन पत्र में या प्रारंभिक लीज डीड में 02 साल की अवधि से आगे विस्तार के लिए कोई खंड नहीं था. फिर भी किसी तरह उक्त दुकान की लीज अवधि को बाद में कई अवसरों पर बढ़ाया गया. वहीं केमिस्ट शॉप जो केवल 02 वर्ष की विशिष्ट अवधि के लिए दी गई थी.
पिछले 30 वर्षों से पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से नई प्रतिस्पर्धी बोली की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना एक व्यक्ति द्वारा चलाई जा रही थी. वहीं मौजूदा समय में दूकान नंबर 6 लगभग 2.34 लाख रुपये का मासिक किराया दे रहा है, जबकि हाल अन्य केमिस्ट की दूकानों वाले 17.01 लाख प्रति माह दे रहें हैं. यहां बताया गया है कि नई आवंटित केमिस्ट शॉप का क्षेत्रफल केमिस्ट शॉप नंबर 6 से कम है. इससे प्रशासन को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है.
इसके साथ ही केमिस्ट शॉप ने सार्वजनिक मार्ग पर स्थायी रूप से अतिक्रमण कर लिया और 12 वर्षों से अधिक समय तक अवैध अतिक्रमण जारी रखा, लेकिन संबंधित अधिकारियों द्वारा इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई. सार्वजनिक मार्ग का स्थायी अतिक्रमण सार्वजनिक सुरक्षा के लिए विशेष रूप से अस्पताल जैसे भीड़भाड़ वाले स्थान पर एक गंभीर खतरा था. हाल ही में 15 फरवरी 2023 को सार्वजनिक मार्ग को मंजूरी दी जा सकती है.
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जीएमएसएच -16 के परिसर के भीतर अधिकांश दुकानें और कैंटीन व्यक्तियों के एक विशेष समूह को दिए गए थे और वे निष्पक्ष और पारदर्शी प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के बिना काफी लंबी अवधि के लिए जारी रहे. जीएमएसएच-16 से वर्ष 2019 में लीज-अवधि में दिए गए अंतिम विस्तार से संबंधित एक कार्यालय फाइल गुम हो गई है. जिसके बाद से लगातार प्रशासन कोशिश कर रहा था कि दुकान को खाली करवाया जाए.