चंडीगढ़ःफेफड़ों का कैंसर दुनिया की सबसे घातक बीमारियों में से एक है, इस बीमारी की वजह से हर साल लाखों लोग अपनी जान गवा बैठते हैं. एक अनुमान के मुताबिक हर साल कई लाख लोग इस बीमारी की चपेट में आते हैं, पिछले ही साल दुनिया भर में इस बीमारी के 20 लाख से ज्यादा मरीज सामने आए थे. अगर भारत की बात की जाए तो सिर्फ भारत में ही हर रोज करीब 35 लोग इस बीमारी की वजह से अपनी जान गवां रहे हैं.
नई तकनीक से फेफड़ों के कैंसर का इलाज
लेकिन चंडीगढ़ में एक ऐसी नई तकनीक को पेश किया गया है. जिसके जरिए ना सिर्फ फेफड़ों के कैंसर का सफल इलाज किया जा सकता है. बल्कि इलाज के दौरान होने वाले शरीर के नुकसान को भी कम किया जा सकता है. इस तकनीक के जरिए मरीज कुछ ही दिनों में स्वस्थ होकर अपना सामान्य जीवन जी सकता है. इस तकनीक का नाम है वीडियो असिस्टेंट थेरास्कोपिक सर्जरी. इस तकनीक के जरिए मरीज के फेफड़ों का इलाज ऑपरेशन किया जाता है, जिसमें फेफड़ों में फैले कैंसर को निकाल दिया जाता है. जिसके बाद मरीज सामान्य जीवन जी सकता है.
काफी जटिल होता है सामान्य ऑपरेशन
इसके बारे में बात करते हुए डॉ विजय जगद ने बताया की आमतौर पर फेफड़े के कैंसर का जो ऑपरेशन किया जाता है, उसमें शरीर के बाकी अंगों को भी काफी नुकसान झेलना पड़ता है. क्योंकि इसके लिए मरीज के शरीर पर काफी लंबा चीरा लगाया जाता है. जिसमें कई मांसपेशियां हमेशा के लिए कट जाती हैं. साथ ही कई नसों को काटना पड़ता है और बाद में फेफड़ों तक पहुंचने के लिए डॉक्टर को मरीज की कई पसलियों को भी काटना पड़ता है. इसके बाद ही वह आगे का ऑपरेशन कर पाता है.ऐसे ऑपरेशनों में मरीज को कई अंगों का नुकसान हो जाता है. जो उम्र भर ठीक नहीं हो पाता.
वीडियो असिस्टेंट थेरास्कोपिक सर्जरी मरीजों के लिए फायदेमंद
लेकिन इस नई सर्जरी के जरिए औजारों को छोटे-छोटे छेदों के जरिए शरीर में डाला जाता है. इसके साथ एक कैमरा भी मरीज के शरीर में जाता है. यह औजार इतने छोटे होते हैं. जिससे ना तो मांसपेशियों को काटना पड़ता है और ना ही पसलियों को काटने की जरूरत पड़ती है. एक छोटे से कट के जरिए पूरा ऑपरेशन कर दिया जाता है. इस ऑपरेशन के चार-पांच दिन के बाद ही मरीज चल फिर सकता है और अपना सामान्य जीवन जी सकता है. इसके बाद मरीज को किसी तरह की मदद जरूरत भी नहीं रहती.