चंडीगढ़ः उज्बेकिस्तान से आए प्रतिनिधिमंडल को हरियाणा सरकार की ई-अधिगम योजना (Haryana government e-learning scheme) पसंद आई है. भारत दौरे पर आए नामनगान विश्वविद्यालय उज्बेकिस्तान के कुलपति व अन्य सदस्यों ने इस योजना की विस्तृत जानकारी शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर से ली. प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री से आग्रह किया कि उन्हें योजना तैयार करने में सहायता करें ताकि वो अपने देश के विद्यार्थियों के लिए इसे लागू कर सकें.
उज्बेकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि भारत ने नई शिक्षा नीति (India new education policy) 2020 बनाई है लेकिन उनके यहां पर अब तक रशियन पाठ्यक्रम ही पढ़ाया जा रहा है. भारत की नई शिक्षा नीति से भी प्रतिनिधिमंडल प्रभावित दिखा. प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री से टेक्नोलॉजी के आदान प्रदान का भी आग्रह किया और उज्बेकिस्तान के 5 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर अंग्रेजी विषय में सरकारी विश्वविद्यालयों में दाखिला करवाने की इच्छा व्यक्त की.
उन्होंने कहा कि भारत में अंग्रेजी भाषा पाठ्यक्रम आसान है इसलिए अंग्रेजी भाषा की सामग्री उनके स्कूलों के लिए उपयुक्त है. प्रतिनिधिमंडल की मांग पर शिक्षा मंत्री ने अंग्रेजी व कंप्यूटर विषय के अध्यापकों को लघु प्रशिक्षण के लिए उज्बेकिस्तान भेजने पर सहमति जताई है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों देश के दूतावास के समन्वय और मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar lal chief minister haryana) के मार्गदर्शन में इस सहयोग को आगे बढ़ाया जाएगा.
कंवर पाल ने कहा कि प्रदेश सरकार (education minister haryana) ने स्कूल स्तर पर बच्चों को टैबलेट देकर इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी क्षेत्र में रूचि बढ़ाने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय तकनीक का है और हम अपने विद्यार्थियों को किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं रहने देना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले होनहार विद्यार्थियों के लिए सुपर-100 कार्यक्रम भी चला रही है. जिसके तहत मेधावी विद्यार्थियों को आईआईटी व नीट की फ्री कोचिंग दी जाती है.