चंडीगढ़: रॉक गार्डन सोसायटी ने हाईकोर्ट में दलील दी है कि थर्ड फेज में पर्यटकों की रुचि नहीं है. इसकी पोल खोलते हुए याचिकाकर्ता एचसी अरोड़ा ने हाईकोर्ट में अपना जवाब सौंपा. अरोड़ा ने बताया कि थर्ड फेज और डॉल म्यूजियम के लिए करीब 1 करोड़ की राशि को मंजूरी दी जा चुकी है और ऐसे में यह कैसे कहा जा सकता है कि इसमें पर्यटकों की दिलचस्पी नहीं है.
सुनवाई के दौरान अरोड़ा ने कहा कि प्रशासन की यह दलील कि रॉक गार्डन को फंड की जरूरत है इसलिए शादियों के आयोजन को अनुमति दी गई है यह बिलकुल गलत है. उन्होंने आंकड़ें सौंपते हुए बताया कि 2017 में रॉक गार्डन में विवाह आयोजनों की अनुमति थी और उस दौरान रॉक गार्डन की सालाना कमाई 2.17 करोड़ थी. 2018 में जब रॉक गार्डन में विवाह आयोजनों की अनुमति नहीं थी तो उस दौरान इसकी कमाई 2.87 करोड़ हुई है.
ऐसे में यह स्पष्ट कहा जा सकता है कि विवाह आयोजनों की अनुमति न होने पर रॉक गार्डन की कमाई ज्यादा होती है. इसके साथ ही बताया गया कि रॉक गार्डन के थर्ड फेज में झूले, डॉल म्यूजियम व कैफेटेरिया आदि मौजूद हैं. यहां पर लोग दोनों फेज घूमने के बाद थोड़ा आराम भी करते हैं. डॉल म्यूजियम दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बनता है और इसी के चलते यहां सीसीटीवी के लिए 11.88 लाख, प्रकाश व्यवस्था के लिए 32 लाख, एसी के लिए 16.23 लाख व 10 कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए 11.39 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है.