चंडीगढ़: किसानों की आमदनी को दोगुना करने के मकसद से केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों को लागू किया. इनमें से एक है कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश. 'वन नेशन, वन मार्केट' के सपने को पूरा करने के लिए सरकार इस कानून को लेकर आई है. नए कानून के मुताबिक अब किसी भी राज्य का किसान किसी भी दूसरे राज्य में जाकर अपनी फसल बेच सकता है और इस कानून को सबसे पहले लागू करने वाला हरियाणा पहला राज्य बना. इस कानून के तहत फिलहाल दूसरे राज्यों के किसान हरियाणा में सिर्फ धान की फसल ही बेच सकते हैं.
नया कानून लागू होने के बाद हरियाणा में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और हिमाचल के किसान भी अपनी धान की फसल बेचने के लिए आए. इनमें कुछ किसानों की फसल तो बिकी लेकिन कुछ किसानों को निराशा हाथ लगी.
स्थिति ये है कि कानून बनने के बाद धान की खरीद के पहले ही सीजन में सरकार का 'वन नेशन वन मार्केट' का सपना टूटता दिखाई दे रहा है. दरअसल उत्तर प्रदेश के किसान ने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. किसान का कहना है कि वो धान को बेचने के लिए हरियाणा की मंडी में आया था, लेकिन हरियाणा सरकार ने उसकी धान की फसल खरीदने से इंकार कर दिया.
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पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने इस मामले में केंद्र, पंजाब और चंडीगढ़ प्रशासन को भी पार्टी बनाने का आदेश दिया है. इसके साथ हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस देकर जवाब-तलब किया है. हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट से जवाब देने के लिए वक्त मांगा है. अब इस मामले की अगली सुववाई 12 नवंबर को होगी. पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि वो पंजाब, केंद्र, चंडीगढ़ प्रशासन को पार्टी बनाने के लिए अर्जी दायर करें.