चंडीगढ़: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि क्षेत्र को लेकर बड़ी घोषणा की है. उन्होंने कहा कि युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए एक कृषि त्वरक कोष स्थापित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए एग्रीकल्चरल एक्सलरेटेड फंड (AAF) की व्यवस्था की जाएगी. ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि आधारित स्टार्ट अप को मदद मिलेगी. पीपीपी मॉडल पर किसानों की मदद की जायेगी.
क्वालिटी प्लांटिंग, हाई वेल्यू हॉल्टिकल्चर, ग्लोबल क्वालिटी मिलेट्स, फूड सेक्योरिटी और किसानों की उन्नति इसका मकसद है. बागवानी योजनाओं के लिए 22 करोड़ दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि कपास की खेती के लिए पीपीपी मॉडल पर जोर दिया जायेगा. कृषि क्षेत्र में किसानों को डिजिटल ट्रेनिंग मिलेगी. इसके अलावा कृषि में स्टार्ट अप को बढ़ावा मिलेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए श्री अन्न योजना बनाई गई है.
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इसके लिए भारतीय मिलेट संस्थान का गठन होगा. वित्त मंत्री ने कहा कि भारत को मिलेट का हब बनाने की योजना पर विशेष काम किया जायेगा. उन्होंने कहा कि बजट 2023-24 की प्राथमिकताएं-समावेशी विकास, अंतिम मील तक पहुंचना है. बुनियादी ढांचा और निवेश, क्षमता को उजागर करना, हरित विकास, युवा और वित्तीय क्षेत्र है. बता दें कि हरियाणा में बागवानी काफी अहम है. ज्यादातर किसान अब परंपरागत खेती को छोड़कर नई नई तकनीकों के सहारे बागवानी की तरफ बढ़ रहे हैं. इससे लागत कम और मुनाफा ज्यादा तो होता ही है. साथ में किसानों के समय और मेहनत की बचत भी होती है. लिहाजा ये योजना हरियाणा के किसानों के लिए कारगर साबित हो सकती है. बता दें कि हरियाणा में इस समय लगभग 20 लाख किसान हैं.
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