चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कई साल से ट्यूबवेल कनेक्शन का इंतजार कर रहे किसानों का मुद्दा उठाया है. उन्होंने कहा कि 10 बीएचपी के बिजली ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए अप्लाई करने वाले 20 हजार किसानों को सरकार जबरदस्ती सोलर पंप कनेक्शन दे रही है. इससे किसानों में भारी रोष है. क्योंकि बहुत सारे इलाकों में सोलर पंप कारगर नहीं है. खासकर सर्दियों में दिसंबर-जनवरी की धुंध के समय किसान सिंचाई से वंचित रह जाएंगे. इतना ही नहीं, सरकार ने 30 मीटर से नीचे भूजल वाले इलाकों में माइक्रो इरीगेशन सिस्टम अपनाने की शर्त भी किसानों पर थोपी है, जो पूरी तरह नाजायज है. किसानों के साथ हमारी भी मांग है कि किसानों पर नये-नये नियम थोपने की बजाय नियम वैकल्पिक होने चाहिए.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि लगभग 40 हजार किसान सरकार के पास कनेक्शन के लिए पूरी राशि जमा करवा चुके हैं. इतने ही किसान और हैं, जो कनेक्शन के लिए अप्लाई कर चुके हैं. लेकिन, सरकार पहले दिन से ही मोटर की केपेसिटी, फिर खास कंपनी की मोटर का बहाना बनाकर किसानों को टरका रही है. हुड्डा ने कहा कि किसान अपनी जरूरतों और उपयोगिता को बखूबी समझता है. वह उस हिसाब से तमाम उपकरणों की व्यवस्था कर रहा है. लेकिन सरकार जानबूझकर उन्हें परेशान करने के लिए रोज नये बहाने, नये नियम ढूंढ़ रही है.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बीजेपी-जेजेपी को याद दिलाया कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान किसानों को बिना इंतजार कराए 1 लाख 74 हजार ट्यूबवेल कनेक्शन दिए गए थे. इसके लिए किसानों से नाममात्र खर्च लिया जाता था. यहां तक कि अगर आसपास पहले से ट्रांसफॉर्मर होता तो किसान को बिना खर्च के कनेक्शन मिल जाता था. मौजूदा सरकार में कई साल इंतजार करने और कांग्रेस कार्यकाल के मुकाबले कई गुना अधिक रकम भरने के बावजूद किसानों को कनेक्शन नहीं मिल रहा है.