चंडीगढ: ये कहानी है चंडीगढ़ के रहने वाले ट्रांसजेंडर सैम की है. सैम पहले सिमरनजीत थे यानि उनका जन्म के वक्त लड़की था, लेकिन समय के साथ उनकी भावनाएं भी बदल गई थी.
इस बारे में सिमरनजीत ने परिजनों को भी बताया, लेकिन उन्हें डांटा गया और ऐसा ना सोचने की हिदायत दी गई. सिमरनजीत को भी घरवालों की ये बात मंजूर नहीं थी.
सिमरनजीत से सैम बनने की कहानी, जानें एक ट्रांसजेंडर की जुबानी - सिमरनजीत कौर
ट्रांसजेंडर सैम पहले लड़की थे, उनके जूनूंन और जिंदादिली ने उनके सपने को हकीकत में बदलने की कुछ यूं ठानी कि उनकी जिंदगी ही बदल गई.
2013 में वह लंदन में एमबीए की पढ़ाई करने पहुंचे. वहां से लौटकर सिमरनजीत सर्जरी करवाने जितना पैसा कमा चुकी थी. उसने दिल्ली आकर मां-बाप को बिना बताई अपनी सर्जरी करवा ली और सिमरन से सैम बन गए.
30 सालों से लड़की की जिंदगी जी रहे सैम की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुई. उनकी इस कहानी की वजह से उन्हें भारत में कोई नौकरी नहीं देता. अब उन्होंने बिजनेस करने की ठानी है.
सैम का कहना है कि उन्हें अपने जीवन साथी के तौर पर तमन्ना का साथ भी मिल गया है और वह तमन्ना के साथ चंडीगढ़ में खुशी-खुशी रहते हैं. उनके माता-पिता भी उनपर गर्व करते हैं.