चंडीगढ़:आज टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic Games) में पूरे देश को हरियाणा की युवा पहलवान सोनम मलिक (Wrestler Sonam Malik) से बड़ी उम्मीदें हैं. पहलवान सोनम मलिक मदीना गांव की रहने वाली हैं. जन्म 2002 में सोनीपत, हरियाणा में हुआ था. सोनम अभी 19 साल की हैं और टोक्यो में सबसे कम उम्र की भारतीय महिला आज पहले मैच के लिए मैट पर उतर चुकी है. सोनम को मैच में जीत मिले इसके लिए उनके पैतृक गांव मदीना में लगातार पूजा-पाठ और हवन किए जा रहे हैं.
कौन हैं सोनम मलिक:सोनम मलिक हरियाणा के छोटे से कस्बे गोहाना के मदीना गांव में पली बढ़ी हैं. सोनम मलिक के पिता राजेंद्र भी पहलवान थे, लेकिन कुछ पारिवारिक परिस्थितियों के कारण उन्हें पहलवानी छोड़कर एक चीनीमिल में ड्राइवर के रूप में काम शुरू करना पड़ा. गरीबी में पली सोनम मलिक ने 12 साल की छोटी-सी उम्र में कुश्ती की शुरुआत की और कोच अजमेर मलिक से कुश्ती के गुर सीखे. करीब पांच साल की कठिन मेहनत के बाद सोनम मलिक एक दमदार पहलवान के रूप में उभरीं. उन्होंने कई बड़े मैच को अपने नाम किया.
चोट लगी, लेकिन नहीं मानी हार: सोनम मलिक ने दुनिया भर के प्रमुख इवेंट में लगातार कई मैच खेलें, लेकिन अचानक लगी एक चोट ने उन्हें तोड़ दिया, उनके दाहिने कंधे पर गहरी चोट लगी थी. जिसने उन्हें इस हद तक प्रभावित किया कि वह अपने हाथ को ठीक से हिला भी नहीं पा रही थीं और उनका हाथ पैरालाइज जैसा हो गया था. हालांकि, व्यायाम और कुछ आयुर्वैदिक उपचारों से वो ठीक हो गई और दोबारा खेलने लगी.