चंडीगढ़:देश की स्टार निशानेबाज चंडीगढ़ की रहने वाली अंजुम मोदगिल (Anjum Moudgil) टोक्यो ओलंपिक में अपने जौहर दिखाने के लिए तैयार हैं. उन्होंने अभी तक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जिस तरह से बेहतरीन प्रदर्शन किया है और कई पदक अपने नाम किए हैं. उसे देखकर उन्हें ओलंपिक पदक की भी प्रबल दावेदार माना जा रहा है. ये अंजुम का पहला ओलंपिक है. मंगलवार 27 जुलाई को वे टोक्यो में एक्शन में रहेंगी. अंजुम का 10 मीटर एयर राइफल मिश्रित टीम क्वालीफिकेशन में सुबह 9:45 से मैच शुरू होगा. उनके साथी भारतीय पुरुष शूटर दीपक कुमार रहेंगे.
अंजुम के मैच से पहले ईटीवी भारत की टीम ने चंडीगढ़ में अंजुम के माता-पिता से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने अंजुम के शूटिंग करियर के बारे में बताया. अंजुम के पिता सुदर्शन मोदगिल ने बताया कि अंजू साल 2007 में सातवीं क्लास में थी. एक दिन अंजुम की मां उसे एक एनसीसी कैंप में लेकर गई. वहां उन्होंने किसी से पिस्टल लेकर एक राउंड फायर किया और यहीं से ही अंजुम निशानेबाजी से जुड़ गई.
अंजुम की मां शुभ मोदगिल ने बताया कि कॉलेज टाइम में भी वह निशानेबाजी करती थी, लेकिन बाद में वह इस खेल से दूर हो गई. इसके बाद उन्होंने एक सरकारी स्कूल को बतौर टीचर जॉइन किया और उस स्कूल में अंजुम की एनसीसी भी शुरू करवाई. एनसीसी कैंप में पिस्टल चलाने के बाद उसे सेक्टर-25 की शूटिंग रेंज में भी लेकर गई और वहां भी उससे पिस्टल चलवाई.
ये भी पढ़ें-जानिए टोक्यो ओलंपिक में कब और कितने बजे होंगे हरियाणा के खिलाड़ियों के मैच, देखिए पूरी लिस्ट
जब अंजुम ने स्टेट के लिए क्वालीफाई किया तब अंजुम के पास अपनी पिस्टल नहीं थी. उन्होंने किसी से पिस्टल मांग कर इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और स्टेट के लिए क्वालीफाई किया. बाद में हमने अंजुम के लिए आगरा में हुई अगली प्रतियोगिता के लिए पिस्टल खरीदी.