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हरियाणा के इन 3 लोगों को मिलेगा पद्मश्री, जानिए इनके बारे में

गणतंत्र दिवस से पहले भारत सरकार ने पद्म पुरस्कार 2022 की घोषणा कर दी है. जिसमें हरियाणा के तीन नागरिकों को भी पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया (Padma Shri award Haryana) जाएगा.

Padma Shri award Haryana
Padma Shri award Haryana

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Published : Jan 25, 2022, 11:01 PM IST

चंडीगढ़:भारत सरकार ने पद्म पुरस्कारों की घोषणा (padma awards announced) की है. गृह मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि चार लोगों को पद्म विभूषण, 17 लोगों को पद्म भूषण, 107 लोगों को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा. कई लोगों को मरणोपरांत पद्म सम्मान दिया जाना है. वहीं हरियाणा से खेल के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा, पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता सुमित आंतिल और सोशल वर्क में ओम प्रकाश गांधी को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित (Padma Shri award Haryana) किया जाएगा.

कौन हैं नीरज चोपड़ा

नीरज का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के पानीपत के एक छोटे से गांव खंडार के किसान परिवार में हुआ. उनके पिता सतीश कुमार किसान हैं और उनकी मां सरोज देवी गृहिणी हैं. भारत के लिए टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा. इसके अलावा आज ही नीरज चोपड़ा को परम विशिष्ट सेवा मेडल (Param Vashistha Seva Medal ) से भी सम्मानित किए जाने का ऐलान भी किया गया था.

नीरज चोपड़ा

नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक-2021 की जेवलिन थ्रो प्रतियोगिता में 87.58 मीटर भाला फेंककर गोल्ड मेडल जीता था. ओलंपिक इतिहास के एथलीट में 121 साल बाद भारत की तरफ से किसी ने गोल्ड मेडल जीता. नीरज चोपड़ा को हाल ही में नई दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया था. नीरज चोपड़ा भारत को भाला फेंक खेल में गोल्ड दिलाने वाले पहले खिलाड़ी हैं. इससे पहले भी उनके नाम कई रिकॉर्ड हैं. वो एशियन गेम्स में भी भारत को गोल्ड दिला चुके हैं.

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कौन हैं सुमित अंतिल

सुमित अंतिल (Sumit Antil Padma shri award) का जन्म 6 जुलाई 1998 को गांव खेवड़ा, सोनीपत में हुआ था. सुमित कुश्ती में अपना करियर बनाना चाहते थे और भारतीय सेना में शामिल होना चाहते थे. साल 2015 में जब वह एक दिन प्रैक्टिस से वापस लौट रहे थे तब उनकी मोटरसाइकिल को एक तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी थी. दुर्घटना के बाद उनके बायें पैर को घुटने के नीचे से काटना पड़ा था. इस दुर्घटना से पहले वह एक पहलवान थे. अपना एक पैर गंवाने के बाद सुमित ने कई महीने अस्पताल में गुजारे.

सुमित अंतिल

साल 2016 में उन्हें पुणे में उन्हें कृत्रिम पैर लगाया गया. उनके कोच वीरेंद्र धनखड़ फिर उन्हें साई सेंटर से दिल्ली लेकर पहुंचे. साल 2018 में एशियन चैंपियनशिप में सुमित को जैवलिन थ्रो में 5वीं रैंक मिली. अगले साल 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने रजत पदक जीता. इसके बाद नेशनल गेम्स में सुमित ने गोल्ड जीतकर खुद को साबित किया. वहीं बीते साल ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर सुमित ने इतिहास रच दिया. सुमित अंतिल ने टोक्यो 2020 पैरालंपिक में F64 पुरुषों की जेवलिन थ्रो में 68.55 मीटर की दूरी तक थ्रो फेंक कर स्वर्ण पदक जीता. इस थ्रो के साथ ही उन्होंने अपने ही पिछले रिकॉर्ड को तोड़ा दिया. अपनी इस उपलब्धि के साथ ही उन्होंने हरियाणा के साथ-साथ भारत का नाम पूरे विश्व में रोशन किया.

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कौन हैं ओमप्रकाश गांधी

गुर्जर कन्या विद्या मंदिर के संस्थापक ओम प्रकाश पोसवाल गांधी (OM Prakash Gandhi Padma shri award) का जन्म यमुनानगर के माधोबांस गांव में एक किसान परिवार में हुआ. इनके पिता का नाम रणजीत सिंह और माता का नाम श्रीमती कमला देवी है. अपने विद्यार्थी काल में महर्षि दयानंद सरस्वती के व्यक्तित्व व कृतित्व का ऐसा गहरा प्रभाव हुआ कि एक साधारण युवक ने असाधारण संकल्प लेकर समाज को दिशा देने का प्रयास शुरू किया. MSC. भौतिकी करने के बाद ये सहारनपुर उत्तर प्रदेश के एक महाविद्यालय में प्रवक्ता पद पर प्रतिष्ठित हुए और वहां से स्वैच्छिक सेवानिवृति लेकर स्त्री शिक्षा के लिए कार्य शुरू किया.

अपनी विनम्रता, शालीनता, व्यवहार कुशलता और लोगों को संगठित करने की क्षमता के कारण अपने संकल्प को मूर्तरूप देकर 7 अप्रैल 1987 को गुर्जर कन्या विद्या मन्दिर का शुभारम्भ किया. अपनी स्थापना से लेकर आज तक विद्यालय उन्हीं के प्रबंधन और मार्गदर्शन में प्रगति के पथ पर अग्रसर है.

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