चंडीगढ़: हरियाणा में पिछले तीन दिनों में तेज बारिश, तूफान और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ है, केवल खेत में खड़ी फसल ही नहीं बल्कि मंडियों में खरीद के लिए लाई गई फसल को भी भारी नुकसान हुआ है. इसको लेकर हरियाणा सरकार ने भी विशेष गिरदावरी के आदेश दे दिए हैं. राजस्व विभाग की तरफ से कल ही विशेष गिरदावरी के आदेश दे दिए गए थे.
कृषि विभाग ने भी खराब हुई फसलों के आंकलन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. फसल बीमा योजना के तहत फसल की कटाई के 15 दिन के बाद भी किसान बीमा की राशि का हकदार है, ऐसे में फसल बीमा योजना के तहत कवर होने वाले किसानों को फसल की कटाई के 15 दिन बाद भी बीमा की राशि मिल सकेगी, लेकिन जिन किसानों की फसलों का बीमा नहीं है. सरकार उन्हें भी राहत देगी. ऐसे किसानों के लिए ही विशेष गिरदवारी करवाई जा रही है.हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी कहा है कि किसानों का जो भी नुकसान हुआ है उससे किसानों को बिल्कुल भी घबराने की आवश्यकता नहीं है.
हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने एक दिन पहले ही अधिकारियों को प्रदेश में आई आंधी, तेज बरसात और ओलावृष्टि से हुए नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दे दिए हैं. कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि गत दो दिनों में हरियाणा के कई इलाकों में भारी बारिश और ओलावृष्टि हुई है साथ ही तेज हवाएं भी चली हैं, जिसकी वजह से राज्य में फसलों को नुकसान की जानकारी विभिन्न माध्यमों से उन्हें मिली है. इस संबंध में उन्होंने तुरंत राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग को निर्देश जारी कर दिए हैं कि बारिश या ओलों से हुए नुकसान की पूरी रिपोर्ट बनाकर भेजी जाए.
गौरतलब है कि हरियाणा में पिछले दो सप्ताह के दौरान समान्य से 1.2 एमएम बारिश दर्ज की गई है. सबसे ज्यादा बारिश अम्बाला, गुड़गांव, कैथल, मेवात, पलवल, रेवाड़ी और सिरसा में समान्य से अधिक बारिश हुई है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि बेमौसम बरसात से खेतों में तो नुकसान हुआ ही है मगर मंडियो में खरीद के लिए लाइ गई फसलों को भी नुकसान से बचाया जा सकता था. बड़े-बड़े दावे करने वाली सरकार मंडियों में भी फसलों के रख-रखाव का उचित प्रबंध नहीं कर पाई है.