चंडीगढ़: कोरोना वायरस हर इंसान के लिए घातक बीमारी बन चुका है. खासकर वो लोग जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, इसका ज्यादा शिकार हो रहे हैं. अभी तक बुजुर्गों या गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोग इसका ज्यादा शिकार हो रहे थे, लेकिन कोरोना का नया स्ट्रेन बच्चों और युवाओं पर ज्यादा असर डाल रहा है.
नया स्ट्रेन बच्चों और युवाओं के लिए ज्यादा घातक क्यों है और इससे बच्चों को कैसे बचाया जा सकता है? इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने वर्ल्ड मेडिकल एसोसिएशन के एडवाइजर डॉक्टर रमणीक सिंह बेदी से खास बातचीत की.
बच्चों में कोरोना के लक्षण
डॉ. रमणीक सिंह बेदी ने कहा कि कोरोना की पहली लहर से बुजुर्ग सबसे ज्यादा शिकार हो रहे थे, लेकिन दूसरी लहर बच्चों और युवाओं को अपना शिकार ज्यादा बना रही है. बच्चों में कोरोना के कई लक्षण हैं.
- बुखार का बने रहना
- त्वचा पर चकत्ते, कोविड टोज
- आंखें लाल होना
- शरीर या जोड़ों में दर्द
- उल्टी जैसा होना
- पेट में ऐंठन या इससे संबंधित अन्य समस्या
- फंटे होठ, चेहरे और होठों का नीला पड़ना
- इरिटेशन
- थकान, सुस्ती और ज्यादा नींद आना
बच्चों के लिए कोरोना खतरनाक क्यों?
डॉ. रमणीक सिंह बेदी ने बताया कि इसके अलावा डायरिया, सांस फूलना भी बच्चों में कोरोना के लक्षण हैं. डॉ. रमणीक सिंह बेदी ने कहा कि बच्चों को इस बीमारी से बचाने के लिए सबसे पहले उनका घर से बाहर निकलना बंद करें. उन्हें पार्क भी ना जाने दें, क्योंकि बच्चे न सिर्फ खुद भी संक्रमित हो सकते हैं बल्कि परिवार के अन्य लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं.