चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 5 जून 2017 को जारी शिक्षक स्थानांतरण नीति, 2016 को निरस्त करते हुए शिक्षक स्थानांतरण नीति 2023 के मसौदे को मंजूरी प्रदान की गई. इस नई नीति का उद्देश्य छात्रों के शैक्षणिक हितों की रक्षा करने, कर्मचारियों में नौकरी की संतुष्टि को बढ़ाने और निष्पक्ष-पारदर्शी तरीके से शिक्षकों व स्कूलों के प्रमुखों का न्यायसंगत, मांग-आधारित वितरण सुनिश्चित करना है.
शिक्षक स्थानांतरण नीति 2016 में अधिसूचित की गई थी और वर्ष 2017 में इसमें संशोधन हुआ था. बाद में समय-समय पर इसमें कुछ बदलाव भी किए गए. समय के साथ विभाग ने वर्तमान नीति को लागू करने में कुछ चुनौतियों का अनुभव किया. इसलिए इस नीति को निरस्त करने तथा कुछ मौजूदा प्रावधानों में संशोधन करके और कुछ नए प्रावधान शामिल करते हुए नीति को संक्षिप्त और सटीक बनाकर एक नई नीति लाने पर विचार किया गया.
ये भी पढ़ें-हरियाणा में बदलाव के साथ जल्द ऑनलाइन ट्रांसफर ड्राइव की होगी शुरुआत, शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश
नई नीति के मुख्य बिंदु-
- नई नीति में जोन की अवधारणा समाप्त कर दी गई है. साथ ही राज्य शिक्षक पुरस्कार और राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के आधार पर अंकों की अवधारणा को भी खत्म कर दिया गया है.
- नई नीति के अनुसार शिक्षक अपने सेवा करियर के दौरान एक स्कूल में अधिकतम 5 साल तक रह सकता है. इसके अलावा, नई नीति में विधवाओं के लिए श्रेणीबद्ध तरीके से एक अतिरिक्त प्रावधान किया गया है.
- नई नीति में पात्र नियमित शिक्षकों और सभी अतिथि शिक्षकों से राज्य काडर और जिला काडर पदों के लिए विशेष जिले के सभी ब्लॉक के लिए न्यूनतम 10 शैक्षणिक ब्लॉक का विकल्प मांगा जाएगा.
- नियमित और अतिथि शिक्षकों, दोनों की पसंद पर विचार करके प्रत्येक पद हेतु प्रत्येक ब्लॉक के लिए सामान्यीकरण किया जाएगा. इसके अलावा, दंपती के मामले में, उन सभी पुरुष और महिला शिक्षकों को अधिकतम 5 अंक दिए जाएंगे, जिनके पति/पत्नी हरियाणा राज्य के किसी विभाग/बोर्ड/निगम/पीएसयू/राज्य विश्वविद्यालय या हरियाणा में स्थित किसी केंद्रीय विश्वविद्यालय में या केंद्र सरकार/पीएसयू और हरियाणा, दिल्ली और चंडीगढ़ में नियमित आधार पर कार्यरत हैं या अतिथि शिक्षक के रूप में तैनात हैं.
- जिला काडर होने के कारण सी एंड वी शिक्षकों को जिले के भीतर उनकी पोस्टिंग सुनिश्चित करने के लिए टीजीटी काडर के शिक्षकों की तुलना में उनके जिले में प्राथमिकता दी जाएगी.
- सभी योग्य ईएसएचएम को अनिवार्य रूप से ईएसएचएम के साथ-साथ टीजीटी के पद का विकल्प भी भरना होगा. ईएसएचएम के लिए चयनित योग्य रिक्ति आवंटित करते समय ईएसएचएम के पद के विकल्प को प्राथमिकता दी जाएगी. ईएसएचएम के सभी पदों को आवंटित करने के बाद ही शेष ईएसएचएम को टीजीटी के पदों पर आवंटित किया जाएगा.
- अच्छे परिणाम प्रदर्शन का लाभ केवल प्रिंसिपल और हेड मास्टर को स्कूल के परिणाम के आधार पर देने का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है.
- 80 से कम संख्या वाले विषयों के शिक्षकों (पीजीटी/टीजीटी/सी एंड वी) को 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के कारण अनिवार्य रूप से ड्राइव में शामिल नहीं किया जाएगा, जब तक कि पदों के युक्तिकरण के कारण उनके पद को सरप्लस घोषित नहीं किया जाता है. विभाग प्रत्येक जीटीडी के क्रियान्वयन से पहले ऐसे विषयों की एक सूची प्रकाशित करेगा.
- नूंह जिले और मोरनी क्षेत्र खंड में सेवा का विकल्प चुनने वाले शिक्षक को प्रोत्साहन के रूप में 10 प्रतिशत अतिरिक्त वेतन यदि कोई शिक्षक किसी रिक्ति के विरुद्ध पंचकुला जिले के मोरनी क्षेत्र या पलवल जिले के हथीन शैक्षिक खंड या नूंह जिले (मेवात क्षेत्र के रूप में माना जाने वाला) में स्थित स्कूल में तैनात होने का इच्छुक है और उसने मोरनी क्षेत्र और पलवल, नूंह, फरीदाबाद या गुरुग्राम के मामले में ना तो पंचकुला को अपना गृह जिला घोषित किया है और न ही उक्त दोनों क्षेत्रों के लिए क्रमश: पंचकुला जिले और पलवल, नूंह, फरीदाबाद या गुरुग्राम जिलों में स्थित किसी स्कूल से 10वीं या 12वीं कक्षा उत्तीर्ण की है, ऐसे नियमित शिक्षकों को मूल वेतन का अतिरिक्त 10 प्रतिशत जमा महंगाई भत्ता दिया जाएगा और अतिथि अध्यापकों को 10 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा.
- नीति में उल्लिखित विशेष कारकों से एक शिक्षक अधिकतम 20 अंक प्राप्त कर सकता है. किसी भी स्थिति में, उम्र और विशेष कारकों के आधार पर प्राप्त अधिकतम योग्यता अंक 80 से अधिक नहीं हो सकते.
- प्रधानाचार्यों के मामले में, तालिका में उल्लिखित शैक्षणिक प्रदर्शन की गणना के लिए 10वीं और 12वीं कक्षाओं के उत्तीर्ण प्रतिशत के औसत पर विचार किया जाएगा. प्रधानाध्यापकों के मामले में, अंकों की गणना के लिए केवल बोर्ड परीक्षा के 10वीं कक्षा के उत्तीर्ण प्रतिशत पर विचार किया जाएगा. यदि पति और पत्नी दोनों शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं, तो 10 अंकों के लाभ का दावा उनमें से कोई एक कर सकता है.
- शिक्षक स्थानांतरण नीति 2023 की दुर्बल विकार की बीमारी की सूची में क्रोनिक हृदय रोग और क्रोनिक धमनी रोग, क्रोनिक रीनल फेल्योर, ब्रेन ट्यूमर, विभिन्न अंगों की घातकता, पैरापलेजिया / क्वाड्रिप्लेजिया / हेमिप्लेजिया, मल्टीपल स्केलेरोसिस, मिस्थेनिया ग्रेविस, पार्किंसंस रोग, थैलेसीमिस शामिल हैं. हीमोफिलिया, अप्लास्टिक एनेमिस, मयेलोडिस्प्लास्टिक विकार एड्स, लिवर और किडनी प्रत्यारोपण, सिस्टिक फाइब्रोसिस और टाइप -1 मधुमेह शामिल हैं. सामान्य स्थानांतरण अभियान शुरू होने से कम से कम 30 दिन पहले प्रशासनिक सचिव स्कूल शिक्षा द्वारा प्रशासनिक सचिव स्वास्थ्य के परामर्श से सूची में संशोधन किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें-चंडीगढ़ में कैबिनेट की बैठक: 25 अगस्त से होगा हरियाणा विधानसभा मानसून सत्र, टीचर्स की ट्रांसफर पॉलिसी में बड़े बदलाव