चंडीगढ़/नई दिल्ली: पहलवान सागर हत्याकांड (sagar murder case) में जेल में बंद आरोपी सुशील पहलवान (sushil pahlwan) इन दिनों इस बात से काफी परेशान हैं कि जेल में जो खाना उन्हें मिल रहा है, वो नाकाफी है. इस खाने से उनका पेट नहीं भर रहा. नतीजा बेचैनी और कमजोरी रहती है.
गौरतलब है कि पहलवानों की डाइट काफी कठिन होती है, उन्हें शरीर में अंदर से मजबूती चाहिए होती है. एब्स या एथलेटिक बॉडी को नहीं, बल्कि फौलादी और ठोस शरीर को ज्यादा महत्व देते हैं. दुनियाभर में मशहूर गामा पहलवान के बारे में कहा जाता है कि वो 6 किलो चिकन, 10 लीटर दूध और लगभग 100 रोटियां खा सकते थे. अब आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि पहलवानों को अपने भोजन में कितनी चीजें खानी पड़ती होंगी, जिनसे उनका शरीर मजबूत बने.
हत्या के आरोपी जेल में बंद सुशील पहलवान की डाइट भी कम नहीं है. जेल जाने से पहले सुशील की सुबह 4-4.30 पर हो जाती थी. सुबह उठते ही डेली रूटीन के काम करने के बाद कसरत के लिए मैदान या अखाड़े में पहुंचना होता था. अभी एक दशक से अधिक समय से सुशील मॉडल टाउन स्थित छत्रसाल स्टेडियम के पार्किंग वाले हिस्से में बने अखाड़े में ही कसरत करते थे.