चंडीगढ़: कृषि अध्यादेशों के विरोध में देशभर में किसान संगठन और विपक्षी दल प्रदर्शन कर रहे हैं और अब प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में छात्र संगठन भी उतर आए हैं. चंडीगढ़ में कुछ छात्र संगठनों ने कृषि अध्यादेशों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और विरोध प्रदर्शन किया.
बड़े पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाना चाहती है सरकार- छात्र नेता
प्रदर्शन कर रहे छात्र नेताओं ने कृषि अध्यादेशों को लेकर कहा कि सरकार बड़े पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों की बली दे रही है. उन्होंने कहा सरकार ने जो अध्यादेश पास किए हैं उससे किसानों का जमकर शोषण किया जाएगा. देश में किसान पहले ही दयनीय हालत में हैं. इन अध्यादेशों के बाद उनकी हालत और ज्यादा खराब हो जाएगी. ये अध्यादेश किसानों को पूंजी पतियों का गुलाम बना देंगे.
किसानों के समर्थन में छात्र संगठन, चंडीगढ़ में कृषि अध्यादेश के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन छात्रों नेताओं का कहना था कि बड़े किसान अपनी फसलों को अपने गांव से दूर जाकर भी बेच सकते हैं लेकिन उन्हें भी फसलों की पूरी कीमत मिलेगी या नहीं इस बात की कोई गारंटी नहीं है. दूसरी तरफ जो छोटे किसान हैं उनके पास ना तो इतना अनाज होता है और ना ही इतने पैसे होते हैं कि वो अपनी फसल किसी दूर बैठे पूंजीपति को बेच सकें, इसलिए उनके पास सिर्फ मंडियों का ही सहारा होता है.
किसानों को बेवकूफ बना रही है मोदी सरकार- छात्र नेता
छात्र नेताओं ने कहा कि सरकार इन मंडियों को भी खत्म करने पर तुली है आगर मंडी खत्म हो गई तो छोटे किसान भूखे मरने की कगार पर पहुंच जाएंगे. एक अन्य छात्र नेता ने कहा कि हालांकि सरकार कई तरह की बातें कर रही है जैसे इससे किसानों को फायदा होगा मंडियों और आढ़तियों पर इसका कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा, सारी व्यवस्था वैसे ही चलती रहेगी लेकिन ये सरासर झूठ है, क्योंकि इस सरकार ने आज से पहले भी कई झूठे वादे कर जनता को बेवकूफ बनाया है और इस बार भी सरकार किसानों को बेवकूफ बना रही है.
सरकार को सिर्फ अंबानी और अदानी दिखाई दें रहे हैं- छात्र नेता
प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि सरकार ने जीएसटी और नोटबंदी के वक्त भी बड़ी-बड़ी बातें की थी लेकिन आज उनकी वजह से देश खराब हालत में पहुंच चुका है इसलिए सरकार की किसी भी बात पर विश्वास नहीं किया जा सकता. सरकार को सिर्फ अंबानी और अडानी दिखाई देते हैं और सरकार उन्हें हर हालत में फायदा पहुंचाना चाहती है, चाहे इसके लिए उन्हें देश की जनता और किसानों को भुखमरी की कगार पर क्यों ना पहचाना पड़े.
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