चंडीगढ़: उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि नियमों में हेरफेर कर या उनकी अनदेखी कर जमीन की रजिस्ट्री करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई शुरू हो गई है. उन्होंने कहा कि अब इस गड़बड़ी में शामिल रहे या सहयोग देने वाले टाउन एंड कंट्री प्लानिंग और अर्बन लोकल बॉडीज के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी और दोषी पाए दाने पर सख्स कार्रवाई की जाएगी.
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि पहले जिला अधिकारियों के स्तर पर और उसके बाद उच्च स्तर पर विश्लेषण के बाद राजस्व विभाग के 1 तहसीलदार, 5 नायब तहसीलदार और 1 रिटायर्ड नायब तहसीलदार को सस्पेंड किया गया है. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उन्होंने शुरू से ही इस मामले में सख्त कार्रवाई की वकालत की और इन अधिकारियों के खिलाफ ना सिर्फ रूल 7 के हिसाब से चार्जशीट की जाएगी बल्कि रूल 10 के तहत इन सभी पर एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी. इसके साथ ही कुछ अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी जांच होगी, जिनके फैसलों का फायदा इन अधिकारियों ने उठाया.
'राजस्व पर प्रदेश की जनता का अधिकार'
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि चूंकि नियमों के तहत सेक्शन 7ए क्षेत्र में होने वाली रजिस्ट्रियों के लिए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग और अर्बन लोकल बॉडीज विभाग की ओर से तय समय में नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लिया जाना जरूरी है, इसलिए भविष्य में इस विषय में कोई गड़बड़ी की गुंजाइश ना छोड़ने के लिए भी अधिकारियों से रिपोर्ट ली जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य के राजस्व पर प्रदेश के लोगों का अधिकार है और इसमें गड़बड़ करने वाले किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा.