चंडीगढ़:देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में सामान्य कोरोना मरीजों के लिए बेड की व्यवस्था से लेकर दवाईयां तक, सुनिश्चित करना सरकार के सामने बड़ी चुनौती साबित हो रही है, लेकिन इससे भी बड़ी चुनौती कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था करना है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हरियाणा में कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीन की व्यवस्था प्रयाप्त है? अगर हालात बिगड़ते हैं को क्या इसके लिए हरियाणा सरकार तैयार है?
हरियाणा में इस वक्त ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले तीन प्लांट हैं, जिन्हें पहले हरियाणा की ऑक्सीजन कमी पूरी करने के लिए कहा गया है. हरियाणा में इस वक्त चार एयर सेपरेशन यूनिट काम कर रही हैं. जिसमें एयर लिक्विड पानीपत, गुप्ता गैस हिसार, गुप्ता इंडस्ट्रीज गैस हिसार और जिंदल स्टील शामिल हैं. ये चारों कंपनियां पूरे प्रदेश में ऑक्सीजन गैस की सप्लाई करती हैं. इनके अलावा हरियाणा कुछ छोटे-बड़े 10 डीलर भी हैं, जो ऑक्सीजन की कमी पूरा करने का काम कर रहे हैं.
- पानीपत एयर लिक्विड की क्षमता 240 मीट्रिक टन है
- जिंदल स्टील की क्षमता 6.8 मीट्रिक टन है
- गुप्ता ऑक्सीजन की क्षमता 3.1 मीट्रिक टन है
- गुप्ता इंडस्ट्रीज की क्षमता 2.5 मीट्रिक टन है
- प्रदेश के अस्पतालों में 29 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंक हैं
- पिछले 3 महीनों में लगाए गए 4 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंक
हरियाणा में खुलेंगे 3 कोरोना क्रिटिकल केयर सेंटर
इसके अलावा हरियाणा सरकार ने कोरोना से पीड़ित गंभीर मरीजों के इलाज के लिए तीन कोरोना क्रिटिकल केयर सेंटर खोलने का भी फैसला लिया है. ये सेंटर करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज, हिसार के अग्रोहा मेडिकल कॉलेज और रोहतक पीजीआई में बनाए जाएंगे. जहां कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज किया जाएगा. कोरोना क्रिटिकल केयर सेंटर 100-100 बेड की क्षमता वाले होंगे और यहां वेंटिलेटर और ऑक्सीजन जैसी तमाम सुविधाएं मौजूद रहेंगी.