चंडीगढ़:साइबर की दुनिया से वर्तमान में कोई अछूता नहीं है. जहां इंटरनेट छात्रों के लिए वरदान साबित हुआ है. वहीं दुनिया के किसी भी कोने में बैठे परिवार संग जुड़ने का आसान तरीका भी बना है. इंटरनेट का आम जिन्दगी में दखल कुछ यूं हुआ है कि इसके बिना रोजमर्रा के (Increasing cases of cybercrime) काम भी मुश्किल लगने लगे हैं. घर बैठे कुछ खरीदना हो या ऑनलाइन खाना मंगवाना हो यहां तक कि दुनिया में किसी भी समय किसी से भी बात करनी हो तो मोबाइल फोन में सब समाधान हैं. लेकिन अगर आप एंड्रॉयड फोन के जरिए नेट बैंकिंग सेवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है.
साइबर क्राइम ब्रांच ने बचाए 9 लाख 80 हजार रुपये- इसी के साथ ही बैंकिंग प्रणाली भी बैंक से दूर एक छोटे से फोन में सिमट कर रह गई, लेकिन इसी आधुनिकता ने अपराधियों को भी इसी दुनिया में खींच लिया है. भारत सरकार द्वारा लॉन्च की गई साइबर हेल्पलाइन 1930 इन्हीं अपराधियों के हौसले को ध्वस्त करने का कार्य कर रही है. प्रदेश की स्टेट साइबर नोडल एजेंसी, स्टेट क्राइम ब्रांच हरियाणा ने (State Crime Branch Haryana) साइबर शिकायतों के आधार पर कार्रवाई करते हुए मात्र 3 दिन में 9 लाख 80 हजार रुपये बचाये हैं.
साइबर हेल्पलाइन नंबर- 1930 करेगा आपकी मदद- दरअसल पुलिस प्रवक्ता ने इस जानकारी देते हुए बताया कि अक्तूबर माह को साइबर जागरूकता माह के तौर पर मनाया गया था. जिसकी थीम सी योरसेल्फ इन साइबर (see yourself in cyber) थी. अक्टूबर महीने में प्रदेश के सभी जिलों में तकरीबन 3300 साइबर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था. जिसके कारण आम जनता में साइबर अपराधों के प्रति समझ और साइबर हेल्पलाइन 1930 के (Cyber Helpline Number 1930) बारे में जागरूकता आई थी. उसी का नतीजा है कि अब साइबर अपराध होते ही शिकायत तुरंत हेल्पलाइन पर दी जाती है और पुलिस खाते को फ्रीज कर पैसे लौटा देती है.
कैथल में साइबर क्राइम- वहीं, प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस को हेल्पलाइन पर शिकायत प्राप्त हुई जिसमें कैथल निवासी शिकायतकर्ता सतनाम सिंह ने बताया कि उसके पास कनाडा से एक अनजान फोन (cyber crime in kaithal) आया. फोन करने वाले ने दूर का रिश्तेदार बनकर शिकायतकर्ता को बातों में लिया और मदद के नाम पर पैसे मांगे. इमरजेंसी का डर दिखाकर सतनाम सिंह से साइबर ठगों ने 3 लाख 20 हजार रुपये ठग लिए. जैसे ही शिकायतकर्ता को ठगी का पता चला. (cyber department issues advisory)
उसने तुरंत शिकायत साइबर हेल्पलाइन पर दी. जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने खाता फ्रीज कर 2.86 लाख रुपये बचाये. पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि इस तरह की मोडस ऑपरेंडी में इमरजेंसी के नाम पर डराया जाता है और पीडि़त को बातों में लेकर मदद के नाम उगाही कर ली जाती है. इसके बारे में कई बार जनता को आगाह भी किया गया है कि ऐसी कॉल से सावधान रहें और बातों में न आएं.
साइबर ठगों के निशाने पर फरीदाबाद-उन्होंने बताया कि ऑनलाइन सामान खरीदने पर इतने ऑफर आ रहे हैं कि सामान्य जनता ऑनलाइन शॉपिंग करने के लिए आकर्षित हो ही जाती है और साइबर (cyber crime in faridabad) अपराधी ऐसे ही झूठे प्रलोभनों का फायदा उठाते हैं. उन्होंने बताया कि 1930 पर पुलिस को फरीदाबाद निवासी अर्जुन से शिकायत प्राप्त हुई कि उसे नया फोन खरीदना था. नया फोन खरीदने के लिए उसने गूगल पर एक सस्ता ऑफर देखा और उस नंबर पर संपर्क किया.
बात करने पर साइबर ठगों ने उसे बातों में ले फोन की बुकिंग के नाम पर उसकी संवेदनशील जानकारी प्राप्त कर ली. सस्ता फ़ोन देने के चक्कर में साइबर ठगों ने पीड़ित से एक लाख एक हजार रुपये की ठगी की. ठगी समझ आते ही तुरंत उसने अपनी शिकायत साइबर हेल्पलाइन पर दी. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तुरंत सारे रुपए फ्रीज किये और पीड़ि को वापस लौटाएं.