चंडीगढ़ः केन्द्र सरकार के खेती-किसानी से जुड़े तीन अध्यादेशों पर किसान संगठन लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहें हैं. इसके अलावा अब इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है. कई किसान नेताओं का कहना है कि अध्यादेश किसानों की आमदनी को बढ़ाने की बजाय कम कर देगा. उनका मानना है कि इसका फायदा सिर्फ व्यापारियों और बिचौलियों को होगा.
इस मुद्दे पर हमने खेती विरासत मिशन एनजीओ के संचालक और कृषि विशेषज्ञ उमेंद्र दत्त से बातचीत की. उन्होंने कहा कि सरकार ने जो अध्यादेश पास किए हैं, उनको लेकर काफी विरोध हो रहा है. सरकार को चाहिए कि जब भी वो किसानों के लिए कोई योजना लेकर आएं तो सबसे पहले वह किसान संगठनों को अपने विश्वास में लें.
उमेंद्र दत्त ने कहा कि सिर्फ फसलों को बेचना ही काफी नहीं है, बल्कि उन्हें पूरे देश में कहीं पर भी बेचने पर न्यूनतम लागत मूल्य मिलना ज्यादा जरूरी है. सरकार को स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों पर भी ध्यान देना चाहिेए. किसान को कुल लागत पर 50 फीसदी लाभ मिलना चाहिए. उसके बाद अन्य योजनाओं पर काम करना चाहिए.