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सोनीपत शराब घोटाला: खरखौदा के पूर्व एसएचओ की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

शराब घोटाला मामले में खरखौदा के पूर्व एसएचओ जसबीर सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं. हाईकोर्ट ने आरोपी की अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया.

Advance bail plea of ​​former SHO of Kharkhauda dismissed
खरखौदा के पूर्व एसएचओ की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

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Published : Jun 15, 2020, 11:14 PM IST

चंडीगढ़:सोनीपत शराब घोटाला में आरोपी खरखौदा थाने के पूर्व एसएचओ जसबीर सिंह पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने झटका दिया. आरोपी जसबीर सिंह ने 12 जून को हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है.

जसवीर सिंह पर आरोप है कि उसने खरखौदा में रेड कर सील की गई शराब को बेचने में अहम रोल अदा किया है. आपको बता दें पुलिस 30 मामलों में जांच कर रही है अभी तक जसवीर सिंह फरार है.

खरखौदा के पूर्व एसएचओ की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, देखिए रिपोर्ट

आपको बता दें कि शराब चोरी गबन और भ्रष्टाचार के आरोपी खरखौदा के एसएचओ जसबीर सिंह को आईजी रोहतक रेंज ने बर्खास्त कर दिया था. जिसके बाद उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही आरोपी जसबीर फरार चल रहा है.

क्या है शराब घोटाला?

सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी. लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गईं. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. गोदाम भूपेंद्र ठेकेदार का है. ठेकेदार भूपेंद्र खरखौदा थाने में सरेंडर कर चुका है. जिसे कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया जा चुका है.

कैसे हुई तस्करी?

सोनीपत के एसपी जशनदीप सिंह रंधावा के मुताबिक, खरखौदा में बाईपास पर शराब तस्करी के करीब 15 मामलों में नामजद भूपेंद्र का शराब गोदाम है. यह गोदाम भूपेंद्र ने अपनी मां कमला देवी के नाम पर काफी वक्त से किराए पर ले रखा है. आबकारी विभाग और पुलिस ने साल 2019 के फरवरी और मार्च में छापामारी की कार्रवाई करते हुए गोदाम में बड़े स्तर पर अवैध शराब पकड़ी थी. इसके साथ ही सात ट्रकों में पकड़ी गई शराब भी इस गोदाम में रखी गई थी.

पुलिस अधिकारियों ने पहले कथित शराब माफिया भूपेंद्र से मिलीभगत कर उसके गोदाम को सील कर दिया. उसके बाद जब्त की गई शराब को इसी गोदाम में रखवा दिया गया. इसी के बाद गोदाम से तस्करी का खेल शुरू हो गया. लापरवाही का आलम यह रहा कि ताले तोड़कर और दीवार उखाड़कर सील की गई शराब निकाली गई और बेच दी गयी. ये खेल चलता रहा. जबकि ऑन रिकॉर्ड गोदाम पर सुरक्षा के लिए पुलिस टीम तैनात हैं.

'पूरी योजना बनाकर निकाली गई थी शराब'

विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि शराब माफिया ने पुलिस से सांठ-गांठ कर पूरा गुणा-भाग लगा कर गोदाम से शराब निकाली है. लॉकडाउन के दौरान शराब की मांग बढ़ी तो शराब माफिया ने पुलिस कर्मचारियों को झांसे में लिया. शराब गिनती में पकड़े जाने की बात उठी, तो माफिया ने तर्क दिया कि अब 6 सौ की बोतल 22 सौ में बिक रही है. लॉकडाउन खुलने के बाद 6 सौ रुपये की बोतल खरीद कर वापस गोदाम में रखवा दी जाएगी. जिससे कभी भी यह खेल उजागर नहीं होगा.

कैसे हुआ खुलासा?

डीएसपी हरेंद्र कुमार, डॉ. रविंद्र कुमार और जितेंद्र सिंह की देखरेख में 4 दिन तक शराब की गिनती की गई. पुलिस को सील की गयी गई शराब में से 5500 पेटियां गायब मिली. इनको ताले तोड़कर, सील हटाकर और दीवार उखाड़ कर निकाला गया था. सील की गई शराब गायब होने पर खरखौदा थाने में एसएचओ रहे अरुण कुमार और जसबीर सिंह समेत 5 पर मुकदमा दर्ज हुआ.

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