चंडीगढ़:कोरोना की तीसरी लहर (third wave of coronavirus) की संभावनाओं को देखते हुए हरियाणा सरकार ने पहले ही प्लानिंग शुरू कर दी है. हरियाणा में 15 जून से सीरो सर्वे (sero survey in haryana) करवाया जाएगा, ताकि ये पता लगाया जा सके कि आखिर कितने लोगों में एंटीबॉडी (corona antibody) है. इस सर्वे में 6 साल से अधिक के बच्चों को भी शामिल किया जाएगा. इसी सर्वे को लेकर ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने चंडीगढ़ पीजीआई के वरिष्ठ डॉक्टर सोनू गोयल से बात की.
डॉ. सोनू गोयल ने बताया कि सीरो सर्वे लोगों में कोरोना वायरस (coronavirus) के खिलाफ एंटीबॉडी जांचने के लिए किया जा रहा है. इससे ये पता चलेगा कि किस व्यक्ति में कितनी एंटीबॉडी बनी है. इस सर्वे के माध्यम से ये भी पता चल जाएगा कि व्यक्ति के शरीर में जो एंटीबॉडी है, वो किस वजह से बनी है. उन्होंने बताया कि इस टेस्ट से ये भी पता चल जाएगा कि व्यक्ति के शरीर में बनने वाली एंटीबॉडी कोरोना होने की वजह से बनी है या वैक्सीन लगने से बनी है.
बच्चों का सीरो सर्वे क्यों जरूरी?
कई जानकारों का मानना है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए काफी खतरनाक होगी. इसलिए बच्चों को ध्यान में रखते हुए 15 जून से होने वाला सीरो सर्वे काफी जरूरी है. डॉ. सोनू गोयल ने बताया कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों को अभी वैक्सीन लगनी शुरू नहीं हुई है. इसलिए तीसरी लहर का खतरा उन्हें सबसे ज्यादा है. लिहाजा सरकार तीसरी लहर आने से पहले सीरो सर्वे के जरिए ये पता लगाना चाहती है कि 6 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों में एंटी बॉडी विकसित हुई है या नहीं. इस सर्वे के माध्यम से सरकार को ये आंकड़े भी मिल जाएंगे कि प्रदेश के कितने बच्चों पर तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है. उसके हिसाब से सरकार आगे की तैयारी कर सकती है.
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कैसे किया जाता है सीरो सर्वे?