चंडीगढ़: गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2021) का त्योहार पूरे देश में धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जाता है. जिसमें लोग भगवान गणेश की मूर्ति को अपने घर में स्थापित करते हैं और 11 दिनों के बाद उसे विसर्जित करते हैं. इस दौरान सबसे बड़ी समस्या ये सामने आती है कि विसर्जित करने के बाद ये मूर्तियां पानी में घुल नहीं पाती. जिससे की भगवान का अपमान तो होता ही है साथ में मूर्ति पर इस्तेमाल होने वाले केमिकल से पानी भी दूषित होता है.
ये काफी दुखद भी लगता है कि जिन मूर्तियों को लोग पूजते हैं, वो टूटी-फूटी हालत में नदी किनारे मिलती हैं. इन मूर्तियों पर लगाया गया केमिकल पानी में जाकर जल प्रदूषण को बढ़ाता है. इसी बात को ध्यान में रख राजस्थान के कलाकार फूलचंद ने चंडीगढ़ में मूर्तियां बनाने (Eco Friendly Sculptures) का काम किया. उन्होंने गणेश चतुर्थी के लिए खास तौर पर इको फ्रेंडली मूर्तियां बनाई (Sculptor Phoolchand eco-friendly idols) हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान फूल चंद ने बताया कि ये मूर्तियां मिट्टी से बनाई गई हैं.
उन्होंने कहा कि इस मिट्टी को खासतौर से हरिद्वार से लाया गया है. ये मूर्तियां मात्र 4 घंटों में ही पूरी तरह से पानी में घुल जाती हैं. इसका दूसरा फायदा ये भी है कि कोरोना काल में जब लोग भीड़ भाड़ वाली जगह पर नहीं जा सकते, तो वो अपने घर में ही मूर्ति का विसर्जन कर सकते हैं.