चंडीगढ़: हरियाणा में चल रहा ई टेंडरिंग का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. सरपंच लगातार सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. पंचायती राज मंत्री देवेंद्र बबली का सरपंच लगातार बहिष्कार कर रहे हैं. वहीं कई जगह बबली के कार्यक्रम में हंगामा भी हो चुका है. सरपंचों के भारी विरोध के बीच आज चंडीगढ़ में सरपंचों और सरकार की मीटिंग हो रही है.
ई टेंडरिंग के मुद्दे पर आज चंडीगढ़ में होने वाली सरकार और सरपंचों की बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है. सरकार की कोशिश है कि इस मुद्दे पर वो सरपंचों को राजी कर ले. इससे पहले खुद सीएम मनोहर लाल भी कह चुके हैं कि ई टेंडरिंग ग्राम विकास के हित में है और ये फैसला सही है. जबकि सरपंच इसके खिलाफ खुलेआम सड़क पर उतर चुके हैं. माना जा रहा है कि सरकार आज इस मीटिंग के बाद कोई बड़ा फैसला ले सकती है.
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ऐसी चर्चा है कि सरकार अब इसको लेकर कोई समाधान जरूर निकालेगी क्योंकि अगर ऐसे ही विरध होता रहा है तो अगले साल चुनाव में ये मुद्दा बीजेपी के लिए भारी पड़ सकता है. हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ भी सरपंचों के समर्थन में उतर आये थे. वहीं बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेजेपी के सुप्रीमो अजय चौटाला ने भी सरपंचों का समर्थन किया है.
क्या है ई टेंडरिंग विवाद- सरकार ने गांव के विकास के लिए जारी होने वाली ग्रांट के लिए एक नियम बनाया है. इसके तहत दो लाख रुपये के काम सरपंच अपने स्तर पर करा सकेंगे. लेकिन दो लाख से ज्यादा के काम के लिए टेंडर निकाला जायेगा. ये टेंडर ऑनलाइन होगा. जिस ठेकेदार को ये टेंडर मिलेगा वो अधिकारियों के साथ मिलकर गांव का विकास कार्य करेगा. यही है ई टेंडरिंग मामला. सरपंच इसी का विरोध कर रहे है. सरपंचों का कहना है कि उनसे अधिकार छीना जा रहा है. 2 लाख रुपये में वो कोई काम नहीं करा सकते. सरकार का दावा है कि इस प्रक्रिया से भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी.
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