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हरियाणा के चुनावी माहौल में फिर उछला रॉबर्ट वाड्रा डीएलएफ लैंड डील मुद्दा, बड़ी कार्रवाई की तैयारी में सरकार! - रॉबर्ट वाड्रा अनिल विज

हरियाणा विधानसभा चुनाव में रॉबर्ट वाड्रा की एंट्री हो चुकी है. अब हरियाणा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग बोर्ड उनकी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी प्राईवेट लिमिटेड का कमर्शियल लाइसेंस रद्द करने की तैयारी में है.

robert vadra dlf land deal

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Published : Sep 19, 2019, 9:59 PM IST

Updated : Sep 19, 2019, 11:16 PM IST

चंडीगढ़ःहरियाणा के विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा की एंट्री हो गई है. उनकी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी प्राईवेट लिमिटेड का कमर्शियल लाइसेंस जल्द ही रद्द हो सकता है. इसकी पूरी तैयारी भी हरियाणा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग बोर्ड कर चुका है.

क्या है ताजा अपडेट ?
इस केस में ताजा अपडेट ये है कि हरियाणा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग बोर्ड रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राईवेट लिमिटेड का कमर्शियल लाइसेंस रद्द करने की तैयारी में है. टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के डीजी केएम पांडुरंग के मुताबिक जमीन ट्रांसफर करने के दौरान रेवेन्यू रिकॉर्ड में कुछ कमियां पाई गई थीं ,जिस पर विभाग की तरफ से कंपनी को क्लेरिफाई करने को कहा गया है. लेकिन फिलहाल कमर्शियल लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया चल रही है. स्काइलाइट प्राइवेट लिमिटेड का कमर्शियल लाइसेंस डीएलएफ को ट्रांसफर हुआ था. लेकिन इसमें जमीन के टाइटल की कुछ दिक्कतें थीं. लाइसेंस को कैंसिल करने का प्रावधान एक्ट-1975 में है और प्रोसीजर को फॉलो करके आगे की कार्रवाई की जाएगी. जमीन के टाइटल में अनियमितताएं हैं और रेवेन्यू रिपोर्ट में भी खामियां हैं.

क्या है मामला ?
दरअसल ये मामला 2008 का है. जब रॉबर्ट वाड्रा की कम्पनी स्काई लाइट हॉस्पिटेलिटी ने 2008 में गुरुग्राम की शिकोहपुर तहसील में मौजूद खसरा नंबर 730 की पांच बीघा 13 बिसवा जमीन (यानि लगभग साढ़े तीन एकड़) ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से फर्जी कागजात के आधार पर खरीदी थी. जमीन का सौदा साढ़े सात करोड़ में दिखाया गया. रजिस्ट्री में कॉरपोरेशन बैंक के चेक से भुगतान दिखाया गया. इसके बाद वाड्रा ने तत्कालीन हरियाणा सरकार से जमीन पर कॉलोनी बनाने का लाइसेंस लेकर, 2008 में ही उसे 58 करोड़ रुपये में डीएलएफ को बेच दिया. चकबंदी महानिदेशक पद पर रहते हुए अशोक खेमका की 21 मई 2013 को दी रिपोर्ट के मुताबिक जांच में पता चला कि जमीन खरीदने के लिए वाड्रा ने साढ़े 7 करोड़ रुपये की कोई पेमेंट की ही नहीं थी. रिपोर्ट में आरोप है कि वाड्रा ने 50 करोड़ रुपये लेकर डीएलएफ को सस्ते में लाइसेंसशुदा जमीन दिलवाने के लिए मध्यस्थ की भूमिका अदा की थी.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट.

विधानसभा चुनाव में गूंजेगा वाड्रा का मुद्दा !
हरियाणा में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं ऐसे में रॉबर्ट वाड्रा का मुद्दा चुनाव में गूंजना लाज़मी है. हरियाणा सरकार पहले से ही वाड्रा को लेकर कांग्रेस पर हमलावर रहती है और भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर वाड्रा की मदद करने का आरोप है. इसलिए विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए कांग्रेस को घेरने का ये बड़ा हथियार साबित हो सकता है.

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अनिल विज ने क्या कहा ?
हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि कहीं भी जो गड़बड़ियां हुई होती हैं या चल रही होती हैं उन्हें दुरुस्त करना सरकार का काम होता है और इस मामले की प्रक्रिया अभी चल रही है. क्योंकि उसमें कई अनियमितताएं हुई थी तो सरकार उन पर विचार कर रही है.

Last Updated : Sep 19, 2019, 11:16 PM IST

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