चंडीगढ़:मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा की अध्यक्षता में विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक की गई. बैठक में मुख्य सचिव प्रदेश के सभी मंडलआयुक्तों, उपायुक्तों, नगर आयुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े. मुख्य सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 30 अगस्त को आयुष विभाग के 10 वैलनेस सेंटर्स का शुभारंभ वीडियो कॅान्फ्रेंसिंग के माध्यम से करेंगे. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में साथ ही ये जानकारी भी दी गई कि हरियाणा में परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से 21 अगस्त, 2019 को ‘मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना’ का शुभारंभ किया जाएगा. इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार को 6 हजार रुपये सालाना दिए जाएंगे.
समीक्षा बैठक लेते हुए मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा. वर्ष 2019-20 में प्रदेश में 407 आयुष हैल्थ एण्ड वैलनेस सेंटर किये जाएंगे स्थापित
राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत प्रदेश में वर्ष 2019-20 में 407 आयुष हैल्थ एण्ड वैलनेस सेंटर और 138 सब-केंद्र स्थापित किये जाने के प्रस्ताव है . इनमें से 102 आयुष हैल्थ एण्ड वैलनेस सेंटर आगामी 100 दिन में स्थापित किये जाएंगे.
सामाजिक सुरक्षा के लिए 'मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना' का शुभारंभ
हरियाणा सरकार ने हर परिवार को जीवन/ दुर्घटना के मामले में सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध करवाने और पेंशन संबंधी लाभ प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के नाम से योजना शुरू करने जा रही है. इस योजना का लाभ उसी परिवार को मिलेगा जिसकी वार्षिक पारिवारिक आय 1,80,000 रुपये है या उसके पास दो हेक्टेयर तक भूमि है.
प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू
प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना के तहत छोटे दुकानदारों, रिटेल कारोबारियों और सेल्फ एम्पलॉयड पर्सन्स को हर महीने कम से कम 3000 रुपए पेंशन मिलेगी. इस योजना का लाभ उन सभी छोटे दुकानदारों और सेल्फ एंप्लॉयड पर्सन्स को मिलेगा जिनका सालाना जीएसटी टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपए से कम और आयु 18-40 साल के बीच है.
स्वच्छता अभियान को दी जाएगी धार
मुख्य सचिव ने निर्देश कहा कि राज्य के सभी शहरी स्थानीय निकायों में एनजीटी के निर्देशों के अनुसार कचरा प्रबंधन और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के सभी कार्य समयबद्ध तरीके से पूरे किए जाएं ताकि शहरों को स्वच्छ और पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके. इसके साथ ही, डंपिंग ग्राउंड पर भी गीले और सूखे कचरे की व्यवस्था अलग-अलग करवाई जाए, इसके लिए एक गड्ढा बनाया जाए, जिसमें गीले कचरे को दबाकर उससे खाद इत्यादि बनाई जा सके.