चंडीगढ़:हरियाणा सरकार ने भी लॉकडाउन 3.0 में प्रदेश की जनता को ढील दी. लंबी जद्दोजहद के बाद सरकार ने शराब के ठेके खोलने का भी बड़ा फैसला लिया. हालांकि सरकार ने शराब के ठेके खोलने के फैसले में 1 दिन की देरी की, लेकिन हैरान करने वाली बात तब सामने आई, जब बुधवार को ठेके खुले तो ठेकेदारों को खरीददार ही नहीं मिले. इन सब में ये चर्चा भी हुई की लॉकडाउन के दौरान सरकार और प्रशासन के नाक ने नीचे जमकर तस्करी हुई, यही वजह है कि सूबे में पीने वालों को शराब की कमी कभी खली ही नहीं.
दरअसल लॉकडाउन 3.0 की व्यवस्था और जनता को ढील देने के लिए मंगलवार को हरियाणा सरकार ने कैबिनेट की बैठक बुलाई. बैठक में प्रदेश में ये तय किया गया किया गया कि किस जोन में क्या-क्या ढील दी जा सकती है, ताकि प्रदेश की व्यवस्था को धीरे-धीरे पटरी पर लाई जा सके, लेकिन इस बैठक में सबसे बड़ा मुद्दा था कि शराब के ठेकों को किस तरह दोबारा खोला जाए.
नहीं बिकी उम्मीद के हिसाब से शराब
बुधवार को पूरे प्रदेश में सुबह 7 बजे से ठेके खोलने के आदेश दे दिए गए थे, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने व्यवस्था करने के लिए समय लिया, फिर भी पूरे प्रदेश में सुबह 10 से 10.30 बजे तक ठेके खुल चुके थे. ठेके खुलने से पहले बाकी राज्यों से आई तस्वीरों से उम्मीद लगाई जा रही थी कि हरियाणा में भी शराब खरीदने के लिए ठेकों पर लोग आएंगे, लेकिन जो हुआ वो उम्मीद से परे था. ठेकेदार दुकानों पर खाली खड़े रहे, इक्का दुक्का ग्राहक ही दुकानों पर पहुंच रहे थे. लॉकडाउन से पहले आमतौर पर जितने ग्राहक पहुंचते थे, बुधवार को उतने भी नहीं पहुंचे.
कोरोना वायरस के डर से नहीं निकले लोग?
कुछ लोगों का कहना है कि कोरोना वायरस के डर से कुछ लोग घरों में रहे. लोग डर के मारे शराब नहीं खरीदने पहुंचे, इसलिए हरियाणा में ज्यादा शराब नहीं बिकी. हालांकि ये तर्क ज्यादा मजबूत नहीं है, क्योंकि ज्यादातर पीनेवालों की प्रतिक्रिया थी कि उन्हें इस कोरोना वायरस का कोई डर नहीं है.
शराब तस्करी की वजह से नहीं हुई बिक्री?
ठेके से ग्राहक गायब होने के कई वजह बताए जा रहे हैं. जिसमें सबसे मजबूत वजह ये बताई जा रही है कि लॉकडाउन के दौरान जब 42 दिन ठेके बंद रहे तब शराब की दुकाने पीछे से चली हैं यानी जमकर शराब की तस्करी हुई है. हरियाणा में लॉकडाउन के दौरान दर्जनों पुलिस केस दर्ज हुए हैं.
लॉकडाउन में हुई शराब की ब्लैक मार्केटिंग- ठेकेदार
इस बारे में रोहतक के एक ठेका संचालक से ईटीवी भारत की टीम ने बात की तो उनका तो यही कहना था कि लॉकडाउन से पहले काफी लोग शराब खरीदने के लिए आते थे, लेकिन आज जैसे ही शराब के ठेके खुले हैं, ग्राहक शराब खरीदने के लिए नहीं पहुंच रहा है. शायद लॉकडाउन के दौरान अवैध शराब बेचने का कारोबार हुआ है.
वहीं रोहतक के उप आबकारी एवं कराधान कमिश्नर जगबीर जाखड़ के मुताबिक शराब की कम बिक्री इसलिए हुई क्योंकि स्कूल-कॉलेज बंद हैं, वहीं मजदूर अपने घरों को चले गए हैं. इसलिए शराब के ठेकों पर भीड़ नहीं दिख रही है. उनका कहना है कि अवैध शराब के कारोबार नहीं हुआ है.
गृह मंत्री ने माना शराब की तस्करी हुई
गृह अनिल विज खुद भी मानते हैं कि लॉकडाउन में हरियाणा में शराब की तस्करी हुई है. गृह अनिल विज ने आशंका जताते हुए ये भी कहा कि लॉक डाउन के समय और इससे पहले कोई बड़ा गैंग अवैध शराब का बड़ा कारोबार करता रहा है, जिसमें कुछ अधिकारियों की भी मिली भगत होने की संभावना है इनके खिलाफ जांच का आदेश दिया जा चुका है. विज के आदेश पर 2 SHO पर FIR भी दर्ज किया जा चुका है.
लॉकडाउन में शराब तस्करी के केस
- कुल केस: 143
- गिरफ्तार: 153
- अंग्रेजी शराब: 37748 बोतल
- देसी: 31856 बोतल
- बियर: 2825 बोतल
- कच्ची शराब: 587 बोतल
- लाहन : 580 किलोग्राम
- चलती भट्टी : 9