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विधानसभा में खलेगी बीजेपी को इन दिग्गज नेताओं की कमी, 13 में से केवल 3 मंत्री पहुंच सके हैं सदन

बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का चुनाव हार जाना भी बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ. इस बार मुख्यमंत्री समेत 13 मंत्रियों में से केवल तीन ही सत्ता में वापसी कर पाए जबकि राज्यमंत्री नायब सैनी सांसद बन गए है. ऐसे में इस बार सरकार के लिए विपक्ष से लड़ने वाले सेनापतियों की कमी हो गई है.

मनोहर लाल खट्टर और भूपेंद्र सिंह हुड्डा

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Published : Nov 13, 2019, 12:08 AM IST

Updated : Nov 13, 2019, 3:34 PM IST

चंडीगढ़:हरियाणा में बीजेपी ने जेजेपी और निर्दलीयों के सहारे एक बार फिर सत्ता में वापसी कर ली है. इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए 75 पार मिशन काफी दूर रहा. बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का चुनाव हार जाना भी बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ. बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं कैबिनेट मंत्री रहे रामबिलास शर्मा, ओपी धनकड़, कैप्टन अभिमन्यु, कविता जैन और कृष्ण लाल पंवार जैसे नेताओं को इस चुनाव में हार देखने को मिली.

13 में से 3 मंत्री ही कर पाए वापसी
इस बार विधानसभा चुनाव में राज्य मंत्री कृष्ण बेदी, मनीष ग्रोवर, कर्म देव कंबोज भी विधानसभा में वापसी नहीं कर पाए. जबकि 2 कैबिनेट मंत्री रहे विपुल गोयल और राव नरबीर सिंह की बीजेपी ने चुनाव में टिकट काट दी थी. ऐसे में मुख्यमंत्री समेत 13 मंत्रियों में से केवल तीन ही सत्ता में वापसी कर पाए जबकि राज्यमंत्री नायब सैनी सांसद बन गए है. जिलके चलते हरियाणा विधानसभा के होने वाले सत्र में बीजेपी को इन नेताओं की बड़ी कमी खल सकती है.

विपक्ष के 'चक्रव्यूह' से बीजेपी को कौन लगाएगा पार?
हरियाणा बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं कैबिनेट मंत्री रामबिलास शर्मा. ओपी धनकड़ और कैप्टन अभिमन्यु जहां अपनी दमदार छवि के लिए जाने जाते रहे. वहीं अपने अनुभव से विधानसभा में विपक्षी पार्टियों के हमलों से भी बीजेपी को बचाते रहे हैं. रामबिलास शर्मा जो कि संसदीय कार्य मंत्री भी रहे अक्सर विपक्ष पर चुटीले अंदाज में हमले बोलने के लिए जाने जाते थे. वहीं वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु भी ना केवल विपक्ष को घेरते नजर आते थे बल्कि अपनी सरकार का पक्ष भी आंकड़ों एवं तथ्यों के आधार पर मजबूती से रखते नजर आते थे. इसके साथ ही पूर्व कृषि मंत्री ओपी धनखड़ भी विपक्ष के हर सवाल का जवाब न केवल बखूबी देते थे, बल्कि विपक्ष को भी मजबूती से घेरते रहे थे.

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विपक्ष के सामने अकेले विज ही हैं 'दीवार'
वहीं महिला मंत्री कविता जैन और परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार भी बीजेपी सरकार पर होने वाले विपक्षी पार्टियों के हमले का जवाब बखूबी देते रहे थे. इसके साथ राज्यमंत्री कृष्ण बेदी और मनीष ग्रोवर भी बहस में खुलकर अपनी सरकार की बात को रखते थे. इन वरिष्ठ नेताओं के चुनाव हारने के बाद अब जिम्मेदारी हरियाणा के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज पर है जो अपने तीखे अंदाज के लिए विधानसभा में भी जाने जाते हैं, मगर आने वाले वक्त में अनिल विज विपक्ष के हमलों को कितना रोक पाएंगे, ये भी देखना होगा. वहीं मुख्यमंत्री भी विपक्ष के हर सवाल का न केवल सहजता से जवाब देते है बल्कि अपने तरीके से विपक्ष को घेरते भी है.

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दुष्यंत चौटाला का मिलेगा सहारा!
बीजेपी के इन दोनों नेताओं के अलावा फिर से विधानसभा सभा पहुचे असीम गोयल, महिपाल ढांडा भी समय समय पर विपक्ष के मुकाबले अपनी सरकार की तुलना कर सरकार को घेरने का काम करते रहे है. दरअसल हरियाणा में बीजेपी के अब केवल 40 विधायक रह गए हैं, जबकि पुराने विधायकों में से भी कई चुनाव हार चुके हैं. हालांकि जेजेपी ओर निर्दलीयों के सहारे सत्ता में पहुची बीजेपी को इन विधायकों का साथ जरूर मिलेगा और इनमें संसद में काफी मुखर रहने वाले दुष्यत चौटाला यहां भी अपना अनुभव दिखा सकते हैं.

दुष्यंत और अनिल विज देंगे विपक्षी पार्टियों को जवाब!

पहले से और मजबूत हुई कांग्रेस!
इससे पहले हुए विधानसभा सत्र में 31 सीटों पर पहुंची कांग्रेस एकजुट नजर आई. जबकि बीजेपी को विधानसभा में विपक्ष पर हमले करने और सरकार की उपलब्धियों को गिनाने वाले वरिष्ठ नेताओं की जगह जल्द भरनी होगी. आने वाले वक्त में हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र हो सकता है, जिसमें इन नेताओं की जगह कौन पार्टी को विपक्षी हमलों से बचाते हुए विपक्ष पर ताबड़तोड़ हमले करने की जिम्मेदारी उठाएगा ये देखना होगा.

कांग्रेस को भी खलेगी इन नेताओं की कमी!
कांग्रेस की तरफ से पिछले 5 साल सरकार को घेरने वाले करण दलाल और कुलदीप शर्मा की कमी कांग्रेस को खल सकती है. मगर भूपेंद्र सिंह हुड्डा, किरण चौधरी, गीता भुक्कल, रघुबीर कादियान, शकुंतला खटक पहले सरकार को घेरते रहे है जिन्हें इस बार फिर जीतकर आए आफताब अहमद, मोहमद इलियास, राव दान सिंह, बीबी बत्रा जैसे दिग्गजों का साथ मिलेगा और कांग्रेस एकजुट होकर बीजेपी को घेरने का काम करेगी.

इन दिग्गजों के साथ कांग्रेस देगी सरकार को टक्कर.

ऐसे में बीजेपी को इन नेताओं के सामने पहले के मुकाबले ही मजबूती से पक्ष रखने की जरूरत रहेगी. बीजेपी विधायकों को आगे आकर सरकार का बचाव करते हुए विपक्ष की घेराबंदी करने की जरूरत रहेगी. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला का भी चुनाव हारना बीजेपी के लिए झटका है. जबकि ज्ञान चंद गुप्ता जो विपक्ष को घेरते थे, वो अब स्पीकर बन चुके है.

Last Updated : Nov 13, 2019, 3:34 PM IST

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