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छोटे शहरों में आशियाना खोज रहे लोग, चंडीगढ़ में 94 प्रतिशत बढ़ी आवासीय मांग

लोग अब मेट्रो सिटी से ज्यादा टीयर-2, टीयर-3 या फिर शैडू सिटी में घर की तलाश कर रहे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक इस वक्त लोग भारत के टॉप 8 शहरों की बजाए टीयर-2 या फिर टीयर-3 में घर तलाश रहे हैं.

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मेट्रो सिटी छोड़ छोटे शहरों में आशियाना खोज रहे लोग, चंडीगढ़ में 94 प्रतिशत बढ़ी आवासीय मांग

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Published : Oct 14, 2020, 2:34 PM IST

चंडीगढ़: आम शहरों की तुलना में मेट्रो सिटी में घर की डिमांड हमेशा से ज्यादा रही है. लोग बेहतर जिंदगी, सुविधाओं और अच्छी नौकरी के लिए हमेशा से मेट्रो सिटी का रूख करते आए हैं, लेकिन कोरोना वायरस और फिर लगे लॉकडाउन ने लोगों को घर लौटने पर मजबूर कर दिया. जिसने रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा दिया है.

यही वजह है कि लोग अब मेट्रो सिटी से ज्यादा टीयर-2, टीयर-3 या फिर शैडू सिटी में घर की तलाश कर रहे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक इस वक्त लोग भारत के टॉप 8 शहरों की बजाए टीयर-2 या फिर टीयर-3 में घर तलाश रहे हैं. ये रिसर्च हाउसिंग डॉट कॉम की ओर से की गई है, जिसमें चंडीगढ़ समेत कई प्रमुख और छोटे शहरों को शामिल किया गया है.

मेट्रो सिटी छोड़ छोटे शहरों में आशियाना खोज रहे लोग, चंडीगढ़ में 94 प्रतिशत बढ़ी आवासीय मांग

अगर चंडीगढ़ की बात की जाए तो अक्तूबर 2019 से मार्च 2020 तक की तुलना में मार्च 2020 से अब तक घरों की मांग में 94 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. देश के मुख्य शहरों के अलावा छोटे शहरों में हाउसिंग डिमांड तेजी से बढ़ रही है.

यही नहीं हाल ही में लॉन्च किए गए वर्चुअल रेजिडेंशियल डिमांड इंडेक्स में भी कहा गया है कि छोटे शहरों में घरों की मांग लगातार बढ़ रही थी, लेकिन अगस्त 2020 में एक महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई. मेट्रो शहरों को पीछे छोड़ते हुए अनलॉक 4.0 के बाद इंडेक्स में मेट्रो के लिए 150 अंकों की तुलना में 'शैडो सिटीज' ने 210 अंकों की छलांग लगाई है.

वर्चुअल रेजिडेंशियल डिमांड इंडेक्स

शहर रियल एस्टेट की डिमांड प्रतिशत
आगरा 108%
अमृतसर 130%
चंडीगढ़ 94%
जयपुर 61%
लखनऊ 86%
लुधियाना 95%
नागपुर 57%
सूरत 28%
तिरुवनंतपुरम -5%

ये है सबसे बड़ी वजह:

छोटे शहरों में बढ़ रही रिएल एस्टेट की डिमांड रिवर्स माइग्रेशन और दूरदराज के क्षेत्रों से बढ़ रहा वर्क फॉर्म होम करना जिसे रिमोट वर्किंग भी कहते हैं, इसका परिणाम है. सबसे पहले ये जान लेते हैं कि आखिर रिवर्स माइग्रेशन क्या होता है.

रिवर्स माइग्रेशन

सामान्य शब्दों में रिवर्स माइग्रेशन का मतलब महानगरों और शहरों से गांव और कस्बों की ओर होने वाले पलायन से है. हाल के दिनों में लोग मेट्रो सिटी को छोड़कर अपने घरों की ओर लौटे हैं, साथ ही ऐसे भी कई लोग हैं जो अब बड़े शहरों में ना जाकर अपने परिवार के साथ ही वक्त बिताना चाहते हैं, इसलिए लोग छोटे शहरों में घर ढूंढ रहे हैं.

रिवर्स माइग्रेशन और रिमोट वर्किंग मिलने से लोग अपने गृहनगर या छोटे शहरों में वापस जा रहे हैं. जिस वजह से न सिर्फ ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के विकास को गति मिली है, बल्कि शैडो सिटीज में आवासीय स्थानों को खरीदने और किराए पर लेने के लिए ऑनलाइन सर्च ट्रैफिक को भी बढ़ावा मिला है.

'अपने परिवार के साथ रहना चाहते हैं लोग'

सुषमा ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रतीक मित्तल ने कहा कि अब दूसरे शहरों में रहने वाले नौकरी पेशा लोग अपने परिवार के साथ रहना चाहते हैं. लोग अपने लिए खुले और अच्छे आकार वाले घर लेना चाह रहे हैं और लोग उन्हें खरीद भी पा रहें हैं, इसलिए रियल एस्टेट सेक्टर में उछाल देखा जा रहा है. इसके साथ ही छोटे शहरों में लोगों के बीच फैशन, लग्जरी कारों और आभूषण की मांग भी बढ़ी है.

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हाउसिंग डॉट कॉम और मकान डॉट कॉम के ग्रुप सीईओ ध्रुव अगरवाला ने कहा कि पिछले कुछ महीनों के दौरान हाउसिंग डॉट कॉम प्लेटफॉर्म पर, हमने विशेष रूप से गैर-मेट्रो शहरों जैसे अमृतसर, चंडीगढ़, वड़ोदरा, नागपुर में आवासीय संपत्तियों के लिए रूचि में वृद्धि देखी है.

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