चंडीगढ़ः सिरसा के रानियां विधानसभा से निर्दलीय विधायक चौधरी रणजीत सिंह 32 साल बाद एक बार फिर मंत्री बन चुके हैं. चंडीगढ़ के राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह में नए मंत्रियों को शपथ दिलाई गई. हरियाणा मंत्रिमंडल में कुछ पूर्व मंत्रियों तो कई नए विधायकों को जगह मिली है. मंत्रियों की सूची में रानियां विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह नाम शामिल है. आज उन्होंने भी अपने मंत्री पद की शपथ ली है.
रणजीत सिंह ने ली शपथ
बीजेपी-जेजेपी और निर्दलीयों के बीच फंसे पेंच को निकालकर आखिरकार मनोहर लाल खट्टर के मंत्रिमंडल के मंत्रियों ने शपथ ले ली है. देवीलाल के पुत्र और हरियाणा के पूर्व मंत्री रहे चौधरी रणजीत सिंह लंबे अरसे के बाद कोई चुनाव जीते हैं. कांग्रेस ने उनकी टिकट काटी तो वे आजाद चुनाव लड़े और हरियाणा लोकहित पार्टी के गोविंद कांडा को 19431 वोट से हराया.
32 साल बाद फिर कैबिनेट मंत्री बने रणजीत सिंह मनोहर कैबिनेट में आज कुछ पुराने तो कुछ नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं. 32 साल बाद रणजीत सिंह फिर विधायक बनें और उन्हें कैबिनेट मिनिस्टर का दर्जा भी मिला है. आज चंडीगढ़ राजभवन में रानियां विधानसभा से निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली.
कौन हैं रणजीत सिंह
हरियाणा में रानियां विधानसभा से निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह ओमप्रकाश चौटाला के छोटे भाई हैं. 32 साल बाद चुनाव जीते रणजीत सिंह ने अपनी राजनीतिक पारी रोड़ी विधानसभा क्षेत्र से शुरू की थी. इस दौरान रणजीत सिंह पहली बार विधायक बने थे और पहली बार कैबिनेट मंत्री भी बनें. वहीं इस बार भी दोबारा उन्होंने विधायकी के साथ कैबिनेट में भी जगह मिली है.
रणजीत सिंह ने ली मंत्री पद की शपथ रणजीत 1987 में देवीलाल सरकार में मंत्री बने थे लेकिन इस बार निर्दलीय होते हुए भी बीजेपी सरकार में मंत्री बने हैं. इससे पूर्व चरणजीत सिंह योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. कांग्रेस सरकार में रणजीत सिंह वर्ल्ड बैंक से हरियाणा सरकार के लिए कई योजनाएं लेकर आए थे.
रानियां विधानसभा सीट
रानियां विधानसभा क्षेत्र सिरसा जिले की एक नगरपालिका समिति मुख्यालय भी है और सिरसा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा भी है. ये विधानसभा क्षेत्र 1966 से पहले तक पंजाब राज्य का हिस्सा था. जो बाद में हरियाणा में जोड़ दिया गया. 2009 में इस विधानसभा क्षेत्र का गठन किया गया और यहां से आईएनएलडी के कृष्ण लाल ने जीत हासिल की. वो कांग्रेस के रणजीत सिंह को हराकर पहले विधायक बने. 2014 में भी आईएनएलडी के राम चंद कंबोज ने चुनाव जीता और विधायक बने. लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में रणजीत सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ें और 32 साल बाद जीत हासिल की.