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शराब घोटाले पर रणदीप सुरजेवाला- सरकार जांच कर रही है या 'कवरअप'?

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Published : May 15, 2020, 8:32 PM IST

हरियाणा में शराब घोटाले पर कांग्रेस सरकार पर काफी हमलावर हो गई है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार को घेरते हुए उससे पांच सवाल पूछे हैं. साथ ही सरकार की ओर से गठित की गई एसआईटी पर सवाल खड़े किए हैं.

randeep surjewala
randeep surjewala asked government five questions on alcohol scam in haryana

चंडीगढ़: हरियाणा में इन दिनों शराब घोटाले का मुद्दा गरमाया हुआ है. सरकार लगातार शराब घोटाले को लेकर जांच कर रही है. इस पर विपक्ष भी काफी हमलावर है. हरियाणा में शराब को मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर सरकार शराब घोटाले की जांच कर रही है या ‘कवरअप’?

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पूरे हरियाणा में शराब घोटाले की परतें उजागर हो चुकी हैं. पर जानबूझकर शराब घोटाले को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम और स्पेशल इंक्वायरी टीम के पचड़े में फंसा एक बार फिर पूरे मामले पर पर्दा डालने की साजिश की जा रही है.

मुख्यमंत्री की शराब घोटाले पर चुप्पी कहीं न कहीं मामले को रफा दफा करने बारे मूक सहमति को जताती है? यदि नहीं, तो हरियाणा की जनता मुख्यमंत्री से 5 सवालों के जवाब मांगती है.

सुरजेवाला के हरियाणा सरकार से पांच सवाल

  • शराब घोटाले में ‘स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम’ को खारिज कर ‘स्पेशल इंक्वायरी टीम’ का गठन क्यों किया गया? क्या ये सही नहीं कि स्पेशल इंक्वायरी टीम को मात्र रिकॉर्ड देखने और पूछताछ का इख्तियार होगा जबकि स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम शराब घोटाले की तह तक जाकर गहन पड़ताल कर सकती थी?
  • क्या ये सही नहीं कि स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन क्रिमिनल प्रोसीज़र कोड, 1973’ की धारा 2(h) व 2(o) के तहत किया जा सकता है. इस SIT को शराब घोटाले वाले हर गोदाम में जाकर व्यापक जांच करने, कागजात जब्त करने, रेड करने, एक्साइज विभाग और पुलिस विभाग के रिकॉर्ड को खंगालने तथा दोषियों की गिरफ्तारी का व्यापक अधिकार होता? पर जब मौजूदा स्पेशल इंक्वायरी टीम को उपरोक्त शक्तियां हैं ही नहीं, तो ये शराब घोटाले की जांच कैसे कर पाएगी?
  • क्या ये सही नहीं कि अपराधिक मामलों में जांच के लिए इंक्वायरी टीम का गठन कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीज़र 1973 की धारा 2(g) के तहत केवल अदालत या मजिस्ट्रेट की ओर से ही किया जा सकता है? तो फिर ऐसे में खट्टर सरकार की ओर से बनाई गई स्पेशल इंक्वायरी टीम क्या मात्र एक प्रशासनिक इंक्वायरी करने तक सीमित नहीं रह जाएगी? ऐसे में शराब घोटाले की जांच कौन और कैसे करेगा?
  • क्या ये सही नहीं कि मुख्यमंत्री, मनोहर लाल खट्टर की ओर से बनाई गई स्पेशल इंक्वायरी टीम के एडीजीपी, सुभाष यादव तो 31 मई, 2020 को ही यानि अगले 15 दिन में रिटायर हो जाएंगे? तो ऐसे में पूरे प्रदेश में फैले शराब घोटाले की जाच होगी कैसे, खासतौर से जबकि इस स्पेशल इंक्वायरी टीम को पिछले 2 वर्षों तक का रिकॉर्ड खंगालना है?
  • खट्टर सरकार के 5.5 वर्षों में किसी मामले या घोटाले की जांच न संपूर्ण हुई और न ही नतीजा सामने आया. इसका सबूत धान घोटाला पार्ट 1, माइनिंग घोटाला, गुरुग्राम-फरीदाबाद-अरावली पहाड़ कॉलोनाइजेन घोटाला, एससी छात्रवृत्ति घोटाला, कुछ महीने पहले हुआ धान घोटाला हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मौजूदा शराब घोटाला भी इसी लीपा-पोती और जांच पर परदा डालने की नीति की भेंट चढ़ जाएगा? मुख्यमंत्री के जवाब का इंतजार रहेगा.

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