चंडीगढ़:ट्यूबवेल कनेक्शन को लेकर बनाए गए नए नियमों पर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला हरियाणा सरकार पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि खट्टर, दुष्यंत चौटाला की किसान विरोधी जोड़ी नित नए 'खेती विरोधी षडयंत्र' कर अन्नदाता की रोटी छीनने में लगी है. कभी भूमि के उचित मुआवजा कानून में संशोधन करके, तो कभी डीजल, खाद, कीटनाशक दवाई, खेती उपकरणों की कीमतों में वृद्धि करके, सरकार किसानों को परेशान कर रही है.
उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार ने किसान की रोजी रोटी पर ताजा वार करते हुए उत्तरी और दक्षिणी हरियाणा में नए ट्यूबवेल देने पर चोर दरवाजे से प्रतिबंध लगा दिया है. 1 मई, 2021 को हरियाणा की बिजली कंपनियों द्वारा ट्यूबवेल कनेक्शन देने की नई नीति जारी की गई. धरतीपुत्र की रोटी छीनने वाली इस तुगलकी नीति के मुताबिक- अगर किसान की भूमि नहरी कमांड एरिया में आती है, तो उसे कोई ट्यूबवेल कनेक्शन नहीं दिया जाएगा.
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हरियाणा कैनाल एंड ड्रेनेज एक्ट के मुताबिक अगर किसान की भूमि किसी भी रजबाए, मोगे, स्टेट ट्यूबवेल से फ्लो या लिफ्ट सिंचाई के माध्यम से कमांड एरिया में आती है, तो ट्यूबवेल कनेक्शन ना देने की ये तुगलकी नीति लागू होगी. इस घोर किसान विरोधी नीति के चलते अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद, भिवानी, दादरी, नारनौल महेंद्रगढ़, मेवात, गुरुग्राम इत्यादि में अब ट्यूबवेल कनेक्शन नहीं दिया जा सकेगा. क्योंकि इन जिलों में 80-90 प्रतिशत इलाका नहरी सिंचाई के फ्लो या लिफ्ट कमांड एरिया में आता है.
सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे दक्षिणी हरियाणा के लोग
सुरजेवाला ने कहा कि इससे सबसे ज्यादा प्रभावित दक्षिणी हरियाणा के किसान भाई होंगे. क्या खट्टर-दुष्यंत चौटाला की जोड़ी ये नहीं जानती कि नहर का पानी तो अधिकतर हरियाणा में 30 दिन में से 7 दिन ही उपलब्ध है. दक्षिणी हरियाणा में तो पानी की बारी 45 दिन के बाद आती है और कभी कभी 60 दिन के बाद, ऐसे में किसान अपनी जमीन कैसे जोत पाएगा.
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