चंडीगढ़: एक तरफ किसान कृषि कानूनों के विरोध में सात दिनों से सड़कों पर डटे हैं तो दूसरी तरफ इस मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप और बयानबाजी का दौर जारी है. कांग्रेस के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने किसानों के मुद्दे पर केंद्र और हरियाणा सरकार को जमकर घेरा. रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि देश का किसान आंदोलन कर रहा है. उन्होंने कहा कि किसान और मजदूर इंसाफ मांग रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार उन्हें घाव देने में लगी है. कभी कंटीले तारों से, कभी आंसू गैस से तो कभी पानी की बौछारों से.
'देश में सरकार नहीं बल्कि कंपनी राज'
सुरजेवाला ने कहा कि देश में सरकार नहीं बल्कि कंपनी राज चल रहा है. मुट्ठी भर पूंजीपति देश में सरकार चला रहे हैं. इसका इलाज बस संघर्ष है. हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर निशाना साधते हुए सुरजेवाला ने कहा कि दुष्यंत चौटाला को इस्तीफा देते हुए सरकार से समर्थन वापस ले लेना चाहिए.
कृषि कानूनों पर जानें रणदीप सुरजेवाला ने क्या कहा. उन्होंने कहा कि किसानों का दर्द दुष्यंत चौटाला को समझना चाहिए. निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. इसपर सुरजेवाला ने कहा कि मैं उनको धन्यवाद करता हूं. जिन्होंने किसानों की पीड़ा को देखते हुए ये कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में और भी निर्दलीय विधायकों को भी किसानों के समर्थन में आना चाहिए.
'किसानों की आंख में धूल झोंक रही सरकार'
मंगलवार को किसानों और सरकार के बीच हुई बातचीत बेनतीजा रही. इसपर सुजेवाला ने कहा कि केंद्र सरकार कुछ पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाना चाहती है. उन्होंने सरकार से कहा कि वो किसानों को लॉलीपॉप थमाना बंद करें. सरकार ने जिस कमेटी का गठन करने की बात कही है. वो किसानों की आंखों में धूल झोंकने का काम किया गया है.
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि काले कानून बनाने से पहले क्यों इस कमेटी का गठन नहीं किया गया. बिना चर्चा के इन कानूनों को सरकार की तरफ से पास किया गया. राज्यसभा में ध्वनिमत से इसे पास करवाया गया. सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा की गठबंधन सरकार का काम सड़कें बनाना है, सड़कों पर गड्ढे खुदवा कर किसानों को रोकना नहीं.
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उन्होंने कहा कि जो नुकसान किसानों, उद्योगों और आम जनता को हुआ है उसके जिम्मेदार हरियाणा के सीएम और डिप्टी सीएम भी हैं. उन्होंने दुष्यंत चौटाला से पूछा कि उन्हें सत्ता की मलाई चाहिए या किसानों की भलाई? रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को सरकार को वापस ले लेना चाहिए और किसानों पर जो मुकदमे दर्ज किए गए हैं उन्हें वापस लिया जाना चाहिए. इसी के साथ पराली का ऑर्डिनेंस भी सरकार को वापस लेना चाहिए. किसानों के साथ सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुद बात करनी चाहिए.