चंडीगढ़: कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, छत्तीसगढ़ कांग्रेस की प्रभारी कुमारी सैलजा और हरियाणा कांग्रेस विधायक किरण चौधरी तीनों फिर से एक मंच पर दिखाई दिए. शुक्रवार को तीनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अलग-अलग मुद्दों पर हरियाणा सरकार पर निशाना साधा. इस दौरान कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा के लोगों पर खास तौर पर शहरवासियों पर गठबंधन सरकार प्रॉपर्टी आईडी के जरिए बोझ डालने का काम कर रही है. लोग प्रॉपर्टी आईडी को सही करवाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. दलालों के हाथों लूटे जा रहे हैं.
ये भी पढ़ें- भिवानी में अधिकारियों की बड़ी लापरवाही, 36 हजार प्रॉपर्टी आईडी में मिली खामियां
सैलजा ने कहा कि लोग गांव से शहर आते हैं, ताकि वो बेहतर जीवन जी सकें, लेकिन पिछले दिनों गठबंधन सरकार ने प्रॉपर्टी आईडी को लाकर उनकी परेशानी बढ़ाने का काम किया है. बाहर की कंपनी को प्रॉपर्टी आईडी का काम दिया गया है. जिसका नाम याशी है. ये राजस्थान की कंपनी है. खुद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने माना है कि प्रॉपर्टी आईडी में 8 लाख से अधिक गलतियां हैं, तो कंपनी को ब्लैकलिस्ट क्यों नहीं किया? सरकार कंपनी को हटाने में असमर्थ क्यों है? क्या इनकी मिलीभगत है? या कोई कमजोरी? प्रॉपर्टी ओनर्स को दर-दर भटकने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है?
'हरियाणा में प्रॉपर्टी आईडी घोटाला': वहीं कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा का प्रॉपर्टी आईडी घोटाला शहरों में रह रहे 1 करोड़ से ज्यादा हरियाणा वासियों की जिंदगी का जंजाल बन चुका है. असल मे ये भ्रष्टाचार का मनोहर काल है. अधिकतर प्रॉपर्टी की मालकियत मालिक की बजाय किसी और के नाम चढ़ा दी है. कई जगह किरायेदारों को मालिक दिखा दिया है. कई मकानों की एक प्रॉपर्टी आईडी बना दी है. अब लोग दलालों के चक्कर काट रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रॉपर्टी का एरिया और मकान का साइज जानबूझकर गलत अपडेट किया गया है.
गलत प्रॉपर्टी आईडी से लोग परेशान: उन्होंने कहा कि एक ही मकान के अलग अलग कमरों की अलग अलग आईडी बना दी गई है. रिहायशी मकानों को कमर्शियल दिखा दिया और कमर्शियल को रियाशी मकान बना दिया. सरकारी जमीन पर नाजायज कब्जा धारी लोगों की प्रॉपर्टी आईडी बना दी गई है. इस गड़बड़झाले को ठीक कराने के लिए लोग दलालों के चक्कर काट रहे हैं. लोगों को हजारों रुपयों की रिश्वत देनी पड़ रही है. प्रॉपर्टी आईडी के साथ गलत फोन नंबर जोड़ दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि पहली बार नगर पालिका ने शहरी निकाय विभाग को पत्र लिखा कि बहुत बडा गड़बड़झाला हो रहा है.