चंडीगढ़: बेअदबी मामले में गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से 6 जनवरी तक की राहत मिल गई है. बरगाड़ी बेअदबी मामले (bargadi sacrilege case) को लेकर पंजाब पुलिस की SIT टीम राम रहीम को कस्टडी में लेकर पूछताछ करना चाहती है. इस मामले को लेकर एसआईटी की ओर से दलील में कहा गया कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों के बाद एसआईटी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम से सुनारिया जेल में जाकर पूछताछ कर चुकी है, जिसमें गुरमीत राम रहीम ने सहयोग नहीं दिया है.
सही जांच के लिए डेरा प्रमुख को हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है. इसके विपरीत डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की वकील ने दलील दी कि डेरा प्रमुख दो मामलों में जेल में है. एसआईटी ने 2020 में डेरा प्रमुख को इस मामले में आरोपी बनाया था और अब हिरासत में लेने की क्या जरूरत है. सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि उसका मानना है कि अगर ट्रायल कोर्ट के आदेश के अनुसार प्रोडक्शन वारंट पर डेरा प्रमुख को फरीदकोट भेज दिया जाए और अगर ट्रायल कोर्ट उसे रिमांड पर भेज देता है तो उस परिस्थिति में डेरा प्रमुख को उसके कानूनी अधिकार का प्रयोग करने का समय नहीं मिल पाएगा.
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हाईकोर्ट ने मामले में बहस जारी रखते हुए सुनवाई 6 जनवरी तक स्थगित कर दी. मामले की सुनवाई पर पंजाब सरकार की तरफ से बेअदबी मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने जवाब दायर कर कहा कि हाई कोर्ट के आदेशों के बाद एसआईटी ने सुनारिया जेल में जाकर डेरा प्रमुख से इस मामले में पूछताछ की थी और पूछताछ के दौरान डेरा प्रमुख सवालों को टालते रहे. पूछताछ में सहयोग नहीं किया है. इस मामले के कई आरोपितों के बयान भी हाईकोर्ट को सौंपते हुए कहा कि यह डेरे से जुड़े रहे हैं और डेरे के अनुयायी डेरा प्रमुख से पूछे बिना कोई काम नहीं करते थे, इसीलिए प्रमुख से पूछताछ के लिए ही फरीदकोट की ट्रायल कोर्ट ने डेरा प्रमुख के प्रोडक्शन वारंट जारी किए थे.