चंडीगढ़:राज्यसभा के लिए हरियाणा की दो सीटों पर (Rajyasabha Election Haryana) होने वाले चुनाव के लिए आज से नामांकन दाखिल होंगे. उम्मीदवार 31 मई तक नामांकन कर सकेंगे. इसके बाद 1 जून को नामांकनों की जांच की जाएगी. उम्मीदवार 3 जून तक अपना नामांकन वापस ले सकेंगे. 10 जून को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान होगा. और उसी दिन शाम 5 बजे मतगणना शुरू होगी. भले अब तक किसी भी दल की तरफ से उम्मीदवारों का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन चुनाव को लेकर हर कोई लॉबिंग और आंकड़े जुटाने के खेल में जुट गया है.
किसका कार्यकाल हो रहा खत्म-हरियाणा में कुल 5 राज्यसभा सीटें (Rajya Sabha seats in Haryana) हैं, जिनमें से दो सीटें खाली हो रही हैं. खाली होने वाली दोनों राज्यसभा सीटों पर इस वक्त बीजेपी समर्थित सांसद हैं. जिनमें से 1 सीट पर बीजेपी सांसद दुष्यंत गौतम हैं तो वहीं बीजेपी के समर्थन से सांसद बने सुभाष चंद्रा का कार्यकाल भी पूरा हो रहा है. जून 2016 में सुभाष चंद्रा बड़े उलटफेर और सियासी ड्रामे के साथ राज्यसभा के लिए चुने गए थे. उस वक्त स्याही कांड को लेकर हरियाणा की राजनीति में काफी दिनों तक हंगामा देखने को मिला था.
उस वक्त क्या हुआ था- साल 2016 के राज्यसभा चुनाव में विधायकों की संख्या के हिसाब से एक सीट कांग्रेस-इनेलो के समर्थित प्रत्याशी आरके आनंद के खाते में जानी थी. लेकिन स्याही की गड़बड़ में आरके आनंद यह चुनाव हार गए. चुनाव के समय कुछ कांग्रेसी विधायकों के पेन की स्याही अलग होने के कारण उनके वोट रद्द हो गए थे. जिसकी वजह से सुभाष चंद्र ने इस चुनाव में बाजी मार ली थी.
इस बार का गणित-इस बार भी आंकड़े बता रहे हैं कि एक सीट पर बीजेपी-जेजेपी के उम्मीदवार का जीतना तय है. जबकि दूसरी सीट को लेकर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है. मौजूदा वक्त में हरियाणा विधानसभा में बीजेपी के 40 विधायक हैं. वहीं उसकी सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के पास 10 विधायक. इसी तरह विपक्ष में बैठी कांग्रेस के 31 विधायक हैं. निर्दलीय विधायकों की संख्या 7 है और एक विधायक हरियाणा लोकहित पार्टी का है जबकि एक विधायक इनेलो का है. इनमें से हरियाणा लोकहित पार्टी के एक विधायक और निर्दलीय विधायकों का बीजेपी और जेजेपी की सरकार को समर्थन है.
कौन बिगाड़ेगा किसका खेल-फिलहाल किसी भी दल की तरफ से उम्मीदवार तय नहीं किया गया है लेकिन आंकड़ों की बाजीगरी में हर कोई जुट गया है. दूसरी सीट पर दिलचस्प मुकाबला हुआ तो ऊंट किसी भी करवट बैठ सकता है ऐसे में बीजेपी इस सीट को अपने पाले में लाने की हर मुमकिन कोशिश करेगी. भले इसके लिए विपक्षी विधायकों में सेंध लगाकर उनका गणित क्यों ना बिगाड़ना पड़े. कांग्रेस में गुटबाजी जस की तस है और इस कलह का फायदा बीजेपी उठाना चाहती है. वहीं कांग्रेस भी इस तरह की जुगत लगाकर एक सीट पर कब्जा करना चाहेगी.