चंडीगढ़: हाईटेंशन तार की चपेट में आने वाले पानीपत निवासी बच्चे रमन की याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाओं हरियाणा को ऑर्थोपेडिक्स के क्षेत्र में चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम का गठन करने का निर्देश दिया है, ताकि रमन को आज तक के सबसे अच्छे कृत्रिम अंग प्रदान किए जा सकें.
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हाईकोर्ट में पीजीआई रोहतक, पीजीआई चंडीगढ़ और एम्स नई दिल्ली से भी सलाह लेने को कहा है. हाईकोर्ट ने कोरोना वायरस के कारण मौजूदा स्थिति को देखते हुए इन चिकित्सा विशेषज्ञों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ऑनलाइन सलाह लेने को कहा है. हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार ने मास्टर रमन द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश जारी किए हैं.
ये है मामला
पानीपत जिले के सनोली खुर्द गांव का निवासी मास्टर रमन 3 नवंबर 2011 को हाईटेंशन तार की चपेट में आकर 100 फीसदी विकलांग हो गया था. कोर्ट ने कहा था कि तकनीक हमेशा बदलती रहती है. बेहतर तकनीक से कृत्रिम अंग लगाए जा सकते हैं. हाईकोर्ट ने चिकित्सा विशेषज्ञों को इस बात पर विचार करने के लिए कहा था. हाईकोर्ट ने ये काम 6 सप्ताह में पूरे करने के निर्देश दिए हैं.