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Published : May 23, 2021, 10:34 PM IST

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चंडीगढ़ के गवर्नमेंट कॉलेज के प्रोफेसरों के लिए खुशखबरी, रिटायरमेंट को लेकर हाईकोर्ट ने लिया ये फैसला

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने फैसला लिया है कि चंडीगढ़ के गवर्नमेंट कॉलेज आर्ट्स और आर्किटेक्चर के प्रोफेसर्स की रिटायरमेंट की उम्र 58 की बजाए 65 वर्ष होगी और इस दौरान जिन प्रोफेसर्स को 58 वर्ष के बाद रिटायर किया गया है उन्हें दोबारा सेवा में बहाल किया जाएगा.

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चंडीगढ़ प्रोफेसर रिटायरमेंट हाईकोर्ट फैसला

चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में चंडीगढ़ के गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ आर्ट्स और गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर के प्रोफेसर्स को बड़ी राहत देते हुए साफ कर दिया है की इन दोनों कॉलेजों के प्रोफेसरों की रिटायरमेंट की उम्र 58 की बजाय 65 वर्ष होगी और इस दौरान जिन प्रोफेसरों को 58 के बाद 2 वर्ष के पेंशन के 60 वर्ष की आयु में रिटायर किया गया है उन्हें दोबारा सेवा में बहाल किए जाने के आदेश दिए हैं.

जस्टिस एजी मसीह और जस्टिस अशोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने इन दोनों कॉलेजों के प्रोफेसर द्वारा कैट के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर अपना फैसला सुनाते हुए ये आदेश दिए हैं. दरअसल प्रशासन ने इन प्रोफेसर्स को 58 वर्ष की आयु में रिटायर कर और फिर 2 वर्ष के एक्सटेंशन के बाद 60 वर्ष की आयु में रिटायर कर दिया था.

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जिसके खिलाफ इन प्रोफेसरों ने पहले सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल में याचिका दायर कर कहा था कि उन पर एआईटीआई की रेगुलेशंस लागू होती है. जिसके तहत प्रोफेसर को 65 वर्ष की आयु में रिटायर और उसके बाद 65 वर्ष एक्सटेंशन जाने का प्रावधान है, जबकि चंडीगढ़ प्रशासन अपने यूटी एम्प्लाइज रूल्स के तहत उन्हें 58 वर्ष में रिटायर कर उन्हें 58 वर्ष में रिटायर कर उन्हें 2 वर्ष एक्सटेंशन दे रहा है जोकि गलत है. कैट ने इन प्रोफेसरों की याचिकाओं को गत वर्ष अक्टूबर में खारिज कर दिया था जिसके बाद इन प्रोफेसरों ने कैट के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी थीं.

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अब हाई कोर्ट ने इन प्रोफेसरों की याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि कैट ने इन प्रोफेसरों की याचिकाओं को चंडीगढ़ एम्प्लॉयीज रूल्स 1992 को ही इन प्रोफेसरों पर लागू कर फैसला सुना दिया है जोकि गलत है. जबकि एएसिटीआई एक्ट के रेगुलेशंस जिसमे इन शिक्षण संस्थानों के प्रोफेसरों की सर्विस और रिटायरमेंट तय गयी है, वो इन प्रोफेसरों पर लागू होगी.

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लिहाजा हाई कोर्ट ने इन दोनों कॉलेजो के प्रोफेसरों की रिटायरमेंट ए ड्यूटी एंप्लाइज रूस की बजाय एआईसीपीआई रेगुलेशंस के तहत 65 वर्ष तय किए जाने के आदेश दे दिए हैं और कहा कि इस दौरान जिन प्रश्नों को रिटायर किया गया है उन्हें वापस सेवा में लिया जाए.

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