चंडीगढ़: पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स यानी पीजीटी चयन प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. दरअसल शिकायतकर्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें कहा था कि लिखित परीक्षा के लिए तय मानदंडों में बदलाव किया गया है. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा जारी की गई पीजीटी चयन प्रक्रिया पर रोक लगा दी है.
हाई कोर्ट में लगाई गई याचिका में शिकायत आयोग के उस फैसले के खिलाफ है, जिसमें पहले बहुविकल्पीय प्रश्नों के साथ लिखित परीक्षा की घोषणा की गई थी, जबकि इस मामले में बाद में subjective प्रश्नों के साथ प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा आयोजित करने की घोषणा की थी. हाई कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस हरनरेश सिंह गिल की पीठ ने इस मामले में पीजीटी की चयन प्रक्रिया पर रोक लगाने का आदेश पारित किया.
इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार और हरियाणा लोक सेवा आयोग को भी जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. हाई कोर्ट को बताया गया कि 26 अगस्त 2019 को, हरियाणा लोक सेवा आयोग ने विभिन्न विषयों में पीजीटी के विभिन्न पदों का विज्ञापन दिया था, लेकिन 19 नवंबर 2020 को एचपीएससी ने इन पदों पर भर्ती की जिम्मेदारी मिलने के बाद इसे फिर से विज्ञापित किया था.
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बता दें कि 13 दिसंबर 2022 को एचपीएससी ने पीजीटी का लिखित परीक्षा का पैटर्न प्रकाशित किया था. जिसमें दिए गए पाठ्यक्रम के मुताबिक 150 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाने थे. वहीं 20 मार्च को एचपीएससी ने परीक्षा की नई योजना की घोषणा की. जिसमें लिखित परीक्षा दो चरणों-प्रारंभिक और मुख्य में आयोजित करनी थी. इस मामले में लगाई गई याचिका में मुख्य चुनौती मानदंड में बदलाव को लेकर दी गई है. जिसके तहत एचपीएससी ने भर्ती की प्रक्रिया के दौरान बाद में किसी भी नियम का पालन किए बिना भर्ती की पद्धति को बदल दिया गया. इस मामले से जुड़े याचककर्ता ने विवादित मानदंडों को रद्द करने के निर्देश मांगे हैं.