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हरियाणा के 131 सरकारी स्कूलों में पीने लायक पानी नहीं, 538 में नहीं लड़कियों के शौचालय, हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग को लगाया जुर्माना - हरियाणा शिक्षा विभाग

Lack Facilities In Haryana Schools: पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए हरियाणा शिक्षा विभाग को फटकार लगाते हुए 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. जानें क्या है पूरा मामला.

Lack Facilities In Haryana Schools
Lack Facilities In Haryana Schools

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 24, 2023, 9:34 PM IST

चंडीगढ़: पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के न्यायधीश जस्टिस विनोद भारद्वाज ने एक मामले की सुनवाई के दौरान हरियाणा शिक्षा विभाग को कड़ी फटकार लगाई है. हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. सरकारी स्कूल में मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर कैथल जिले के स्कूल के छात्रों ने अपने वकील प्रदीप कुमार रापड़िया के माध्यम से हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने हरियाणा शिक्षा विभाग से एफिडेविट के माध्यम से स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की कमी के बारे में विस्तार से जानकारी मांगी थी. जिसके जवाब में जो आंकड़े और तथ्य सामने आए, वो चौंकाने वाले मिले. शिक्षा विभाग द्वारा दिये गए एफिडेविट के मुताबिक हरियाणा के 131 सरकारी स्कूलों में पीने के पानी की सुविधा नहीं है, 236 स्कूलों में बिजली कनेक्शन ही नहीं हैं, 538 स्कूलों में लड़कियों के शौचालय नहीं हैं.

इसके अलावा 1047 स्कूलों में लड़कों के शौचालय नहीं हैं. इसके अलावा कोर्ट को बताया गया कि छात्रों के लिए 8240 क्लासरूम की जरूरत है. याचिकर्ता की तरफ से पेश हुए वकील प्रदीप रापड़िया और रिपु दमन बूरा ने हाई कोर्ट को बताया कि एक तरफ तो बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और खुले में शौच मुक्त भारत जैसे नारे दिए जा रहे हैं और दूसरी तरफ स्कूलों में शौचालय व पीने के पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं. इन सुविधाओं के लिए स्कूली बच्चों को मजबूरन हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है.

हरियाणा के स्कूलों में नहीं मूलभूत सुविधाएं: हाई कोर्ट में दिए गए एफिडेविट के मुताबिक जहां हरियाणा के सरकारी स्कूलों में शौचालय, पीने के पानी, बिजली कनेक्शन जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी है. जबकि शिक्षा विभाग ने 10,675.99 करोड़ रुपये की ग्रांट को बिना उपयोग किये सरकार को वापिस भेज दी. हाई कोर्ट ने कहा कि हरियाणा सरकार कोर्ट के सामने सिर्फ आंकड़ों का खेल खेल रही है और धरातल पर कोई काम नहीं कर रही. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एक तरफ भारत सरकार स्वच्छ भारत मिशन का नारा देते हुए हर घर में शौचालय उपलब्ध करवाने का दावा कर रही है.

दूसरी तरफ 538 स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय ही नहीं हैं. दिन प्रतिदिन स्कूली छात्राओं के शोषण के मामले सामने आ रहे हैं. हरियाणा सरकार की स्कूली बच्चों के हितों के प्रति संवेदनहीनता व एफिडेविट के चौंकाने वाले आंकड़ों की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा एक हफ्ते के अंदर सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति के लिए समय सीमाबद्ध योजना पेश करने के आदेश दिए हैं. हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव व स्कूली शिक्षा निदेशक को 15 दिसंबर को व्यक्तिगत तौर पर कोर्ट के सामने हाजिर होने के आदेश दिए हैं.

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