चंडीगढ़:वकीलों को कोर्ट में शारीरिक तौर पर पेश होने के लिए विवश ना किए जाने की मांग को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
हाई कोर्ट ने कहा कि चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा की अदालतें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में बेहतरीन काम कर रही हैं. ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है, जिसमें किसी वकील को पेश होने के लिए विवश किया जा रहा हो. चीफ जस्टिस रवि शंकर झा और जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने कहा कि उनके पास ऐसी कोई शिकायत भी नहीं आई है. ऐसे में याचिका आधारहीन है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.
बता दें कि वकील फेरी सोफत की तरफ से याचिका दायर कर कहा गया था कि चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा की अदालतों को निर्देश दिए जाएं कि वो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही सुनवाई करें और किसी वकील को शारीरिक तौर पर कोर्ट में पेश होने के लिए विवश ना करें. इसके अलावा कोर्ट में केस दायर करने के लिए जेल अथॉरिटीज को निर्देश दिए जाएं कि वो वकालतनामा और पावर ऑफ अटॉर्नी जेल में बंद कैदियों से लेकर उन्हें आगे संबंधित वकीलों को भेजें.