चंडीगढ़: भविष्य में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को और पैरोल ना मिले इसके खिलाफ पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. राम रहीम को पैरोल पर और रिहा करने पर रोक लगाने की मांग वाली जनहित याचिका पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है.
याचिका में कहा गया है कि गुरमीत राम रहीम ने धारा 295-ए के तहत किए गए गंभीर अपराध की अपनी रियायत का दुरुपयोग किया है. यानी एक वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया (वकीलों ने अनुसार राम रहीम ने रविदासिया समुदाय के खिलाफ बोला था) है. यह याचिका ह्यूमन राइट्स इंटरनेशनल के वकीलों ने दायर की है. न्यायमूर्ति ए जी मसीह ने इस मामले में आज सुनवाई करते हुए 6 जुलाई के लिए नोटिस जारी किया है.
बता दें कि राम रहीम को बीते दिनों 40 दिनों की पैरोल दिए जाने के खिलाफ एसजीपीसी ने भी हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें उसकी पैरोल को रद्द करने की मांग की गई थी और इस मामले में भी हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस दिया था. अब इस मामले में ह्यूमन राइट्स इंटरनेशनल के वकीलों ने भी याचिका दायर की है.
बता दें कि, 40 दिन की पैरोल खत्म होने पर शुक्रवार, 3 मार्च 2023 को कड़ी सुरक्षा के बीच राम रहीम को उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम से सुनारिया जेल रोहतक लाया गया है. इसी साल 21 जनवरी को राम रहीम को पैरोल मिली थी. इससे पहले राम रहीम को 15, नवबंर 2022 को पैरोल मिली थी. गौर रहे कि 2 साध्वियों से यौन शोषण मामले में 10-10 साल और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति एवं पूर् प्रबंधख रणजीत सिंह हत्याकांड में राम रहीम को उम्र कैद की सजा हुई है. राम रहीम 25 अगस्त 2017 से सुनारिया जेल में बंद है.
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