चंडीगढ़ःहरियाणा के पूर्व चीफ सेक्रेटरी आईएएस अधिकारी दीपेंद्र सिंह ढेसी द्वारा चंडीगढ़ प्रशासन के हाउस अलॉटमेंट विभाग द्वारा लगाए गए जुर्माने को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी. इस मामले पर चंडीगढ़ प्रशासन ने जवाब दायर कर कहा कि ये 9 साल पुराना केस है. ऐसे में कानूनी प्रक्रिया का दुरूपयोग कर याचिका दायर की गई है जिसे तत्काल खारिज किया जाना चाहिए.
हाई कोर्ट ने मामले पर 10 जुलाई के लिए अगली सुनवाई तय की है. बता दें चंडीगढ़ प्रशासन ने ढेसी को ज्यादा समय तक सेक्टर 7 की सरकारी कोठी को अपने पास रखने पर 3,43,319 का भुगतान करने का नोटिस जारी किया था. साथ ही ये भी कहा गया था कि राशि न चुकाने पर हर साल ब्याज भी देना होगा. विभाग ने इसके लिए रिमाइंडर की भेजा था.
30 जून 2019 को हुए रिटायर
जानकारी के मुताबिक हरियाणा के मुख्य सचिव पद पर रहने के बाद दीपेंद्र ढेसी 30 जून 2019 को रिटायर हुए थे. इसके बाद 14 अगस्त को उन्होंने हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग के चेयरमैन का पदभार संभाल लिया था. किसी भी आईएएस अधिकारी के रिटायर होने के बाद सभी विभागों से नो ड्यू सर्टिफिकेट लेना होता है. इसके लिए हर विभाग को लेटर भेजा जाता है.
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ये है मामला
इसी संबंध में एक लेटर हाउस अलॉटमेंट विभाग के पास आया तो सामने आया कि उनकी तरफ देनदारी है. साल 2010 में ढेसी का दिल्ली तबादला हो गया था. जिसके बाद उन्हें सेक्टर 7 की कोठी कुछ महीनों के बाद खाली करनी थी, लेकिन उसके बावजूद 24 जून 2010 से 29 अप्रैल 2011 तक उन्होंने कोठी अपने पास रखी.